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सौराष्ट्र को जीताने के बाद बोले उनादकट – बढ़ गई है भारतीय टीम में वापसी की बेताबी

राजकोट : सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने टीम को रणजी ट्राफी दिलाने के बाद कहा कि इस शानदार घरेलू सत्र के बाद भारतीय टीम में वापसी की उनकी बेताबी काफी बढ़ गयी है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अब लोग सिर्फ उनके आईपीएल प्रदर्शन की ही बात नहीं करेंगे। टीम के मुख्य तेज गेंदबाज उनादकट ने इस में 67 विकेट हासिल किये लेकिन सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने रणजी ट्राफी सेमीफाइनल और फाइनल में अपनी गेंदबाजी से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनादकट ने सौराष्ट्र को पहली ट्राफी दिलाने के बाद कहा, ‘मेरे अंदर अब भी वापसी की वही भूख है। यह बेताबी अब और ज्यादा बढ़ गई है और यह मुझे पूरे सत्र में प्रोत्साहित करती रही। ईमानदारी से कहूं तो सत्र में शानदार खेलने के लिये शारीरिक रूप से काफी चुनौतियां रहीं। लगभग प्रत्येक मैच में तेज गेंदबाज के तौर पर इतने लंबे स्पैल फेंकना काफी चुनौतीपूर्ण रहा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस दौर को आगे जारी रखना चाहता हूं। मैं यहीं इसे खत्म नहीं करना चाहता। हां, हमने ट्राफी जीत ली और मैं इस समय दुनिया का सबसे खुश कप्तान हूं।’

इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने 2018 में भारत के लिए बांग्लादेश के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच था। वह 2010 में एकमात्र टेस्ट में खेले थे और 2013 में उन्होंने अपना अंतिम और कुल सातवां वनडे खेला था। कांफ्रेंस में ट्राफी के अलावा उनके साथ उनके दोस्त और सौराष्ट्र के साथी चेतेश्वर पुजारा बैठे थे जिन्होंने भी उनादकट के विचार का समर्थन किया। पुजारा ने कहा, ‘मैं सहमत हूं कि उनादकट ने पूरे सत्र में काफी अच्छी गेंदबाजी की। अगर किसी ने एक सत्र में 67 विकेट चटकाये हैं तो मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई है जो रणजी ट्राफी में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। भारतीय टीम में चुने जाने के लिये रणजी ट्राफी के प्रदर्शन को भी काफी अहमियत दी जानी चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे हैरानी होगी अगर उसे भारतीय टीम में नहीं चुना जाएगा।’ उनादकट आईपीएल में राजस्थान रायल्स के मुख्य खिलाड़ी हैं, उन्हें नीलामी में दो बार काफी बड़ी राशि में खरीदा गया। उन्होंने कहा, ‘आईपीएल मेरे लिये काफी मायने रखता है। मैं कई खिलाड़ियों की तुलना में काफी कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मेरे दिमाग में सिर्फ आईपीएल नहीं होता। हां, नीलामी होती है और लोग सिर्फ इसी के बारे में भी बात करते थे लेकिन मैं सचमुच रणजी ट्राफी जीतना चाहता था।’