नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के मुख्य कार्यकारी मनु साहनी लगातार विवादों से जुड़ जाते हैं। छोटे से कार्यकाल में वह की बात किसी ना किसी वजह से चर्चा में आ चुके हैं। अब उन्होंने कुछ ऐसा किया है जिसकी वजह से उनकी कुर्सी जा सकती है। मनु को आइसीसी के सामने एक सुनवाई के लिए पेश होना था लेकिन उन्होंने ऐसा करना सही नहीं समझा। अब इस कदम से बात उनका अपने पद पर बने रहना मुश्किल हो गया है।
कठोर स्वभाव के कारण आलोचना झेल रहे आइसीसी के मुख्य कार्यकारी मनु साहनी आइसीसी की अनुशासन समिति के समक्ष सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे। प्राइस वाटरहाउस कूपर्स ने आंतरिक ऑडिट में उन्हें दोषी पाया, जिसके बाद उनका इस पद पर बने रहना अब मुश्किल लग रहा है।
आइसीसी सदस्य बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘मनु आइसीसी की अनुशासन समिति के समक्ष सुनवाई के लिए नहीं पहुंचे। उन्हें इसका वैधानिक अधिकार था। अब बोर्ड उनके भविष्य पर फैसला लेगा। वैसे उन्हें बोर्ड में किसी का समर्थन नहीं है या नहीं के बराबर समर्थन है।’
साहनी को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया था। दुबई स्थित आइसीसी मुख्यालय पर अधिकांश स्टाफ ने उनके बर्ताव को अस्वीकार्य बताया था। बोर्ड की बैठक 30 और 31 मार्च को होनी है। बीसीसीआइ के सचिव जय शाह ने मुख्य कार्यकारियों की बैठक में सॉफ्ट सिग्नल का मसला उठाया। उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच टी-20 सीरीज में अंपायरों के सॉफ्ट सिग्नल को लेकर पैदा हुई गलतफहमियों पर बीसीसीआइ का एतराज व्यक्त किया। वहीं, भारतीय कप्तान विराट कोहली अंपायर्स कॉल पर नाराजगी जता चुके हैं।