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बिहार में महंगी हुई बिजली मगर उपभोक्ताओं को नहीं लगेगा झटका, जानें कैसे होगा फायदा

पटना: नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों में मात्र 0.63 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। नई दर पहली अप्रैल से प्रभावी होगी। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने शुक्रवार को दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी तथा उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रस्ताव पर अपना निर्णय सुनाया। बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली दर में 9.22 फीसद बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था।

बढ़ोतरी का असर नहीं होगा

विनियामक आयोग ने बिजली टैरिफ की नई दरों का जो एलान किया है वह बगैर सब्सिडी के है। बाद में सरकार के स्तर पर सब्सिडी की घोषणा के बाद टैरिफ में और कमी आएगी।

उपभोक्ताओं को यह फायदा भी होगा

विनियामक आयोग के निर्णय से बिजली उपभोक्ताओं को कई तरह के अन्य फायदे भी होंगे। स्मार्ट प्री पेड मीटर वाले बिजली उपभोक्ता को तीन फीसद की छूट मिलेगी।

बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्लैब अब इस तरह 

आयोग ने कंपनी के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत चार तरह के स्लैब को घटाकर तीन स्लैब किए जाने का प्रस्ताव दिया गया था। ग्रामीण इलाकों के लिए बने स्लैब में यह व्यवस्था की गई है कि अगर कोई उपभोक्ता सौ यूनिट से अधिक की बिजली का उपभोग करता है तो उसे अधिक पैसा देना होगा। शहरी इलाके में खपत अगर 300 यूनिट से अधिक हुई तो अधिक पैसा देना होगा। दिलचस्प बात है कि अगर बिजली उपभोक्ता शहरी क्षेत्र में 400 यूनिट से अधिक बिजली का उपभोग करता है तो उसे कम पैसा खर्च करना होगा।

अनुदान रहित टैरिफ का गणित कुछ इस तरह समझें

– शहरी क्षेत्र में 100 यूनिट के खर्च पर पहले 605 रुपये लगता था जो अब 610 रुपये हो जाएगा।

– 200 यूनिट के उपभोग पर 1290 रुपये का बिल आता था जो अब 1305 रुपये हो जाएगा।

–  300 यूनिट के खर्च पर बिल 2060 रुपये का होता है जो 2110 रुपये हो जाएगा।

– 400 यूनिट की खपत पर 2910 रुपये का बिल था और अब यह मात्र पांच रुपये बढ़ेगा