नई दिल्ली। विजय माल्या को भारत कब लाया जाएगा? इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। ब्रिटेन ने शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में भारत में वांछित भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इसमें कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं अपनाया जाएगा।
भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल मई में केस हार चुका है। उसकी मनी लांड्रिंग मामले में भी भारत को तलाश है। यह पूछे जाने पर माल्या को कब प्रत्यर्पित किया जाएगा और क्या इस मामले में अभी कोई कानूनी मसला लंबित है, भारत में ब्रिटेन के नए उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने किसी केस का नाम लिए बिना कहा कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपितों को भारत लाने की तात्कालिकता, महत्व और इच्छा को समझते हैं।
उन्होंने कहा प्रत्यर्पण का मामला प्रशासनिक के साथ ही कानूनी भी है और यह अदालत में है। माल्या मामले में प्रशासन की तरफ से जो कुछ भी किया जाना था, उसे गृह मंत्री ने कर दिया है। अब यह मामला न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है। इसमें अब जो भी करना है वह जजों को ही करना है।
गौरतलब है कि विजय माल्या जमानत पर ब्रिटेन में हैं। माल्या पर 17 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। माल्य 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था। भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटेन की अदालत से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी। लंबी लड़ाई केा बद ब्रिटेन की अदालत ने 14 मई को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मुहर लगा दी थी। हालांकि, कानून दांवपेच के चलते उसे अब तक भारत नहीं लाया जा सकता है।