Logo
ब्रेकिंग
Monginis Cake Shop अब आपके शहर रामगढ़ में, Anshu plaza, नईसराय नवनिर्मित श्रीश्याम मंदिर में बाबा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की भव्य तैयारी शुरु रामगढ़ जिले के छात्र छात्राओं को जल्द मिलेगा साइकिल, उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय साइकि... 18 दिसंबर को सिदो कान्हू मैदान में होगा जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन। रामगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई से व्यापारियों में हुआ सुरक्षा का माहौल उत्पन्न Nda प्रत्याशी सुनीता चौधरी के साथ दुलमी में हुई घटना पर रजरप्पा थाना में मामला दर्ज! रामगढ़ विधानसभा में 72.22 प्रतिशत मतलब 258393 मतदाताओं ने किया मतदान। रामगढ़ करेगा वोट, 20 नवंबर के नारे से गूंज उठा शहर।l रामगढ़ विधानसभा के निर्देलीय प्रत्याशी पंकज ने जनसंपर्क कर मांगा वोट श्री गुरु नानक देव जी की 556वें जयंती पर रामगढ़ में निकाला भव्य शोभायात्रा

दुनिया में सबसे अधिक चुनौतियों का सामना कर रही भारतीय सेना, रक्षा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता- CDS रावत

नई दिल्ली। चीफ आफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सेना दुनिया की किसी भी अन्य सेना की तुलना में अधिक चुनौतियों का सामना कर रही है। इसलिए रक्षा क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है और युद्ध के स्पेक्ट्रम को पूरा करने के लिए अन्य देश क्या परिवर्तन लेकर आए हैं, उसका अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि 20वीं शताब्दी में सूचना समावेश औऱ तकनीकी विकास के कारण युद्ध के चरित्र और प्रकृति में गहरा परिवर्तन देखा गया है।

सीडीएस रावत ने आगे कहा कि कि नए उपकरण और रणनीति को लोगों से तेजी से जोड़ने के लिए नियोजित किया जा सकता है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। भारत एक जटिल सुरक्षा और चुनौतीपूर्ण वातावरण का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, उच्च रक्षा रणनीतिक मार्गदर्शन, उच्च रक्षा और संचालन संगठनों में संरचनात्मक सुधारों को परिभाषित करना कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कदम हैं, जो हमें उठाने की आवश्यक्ता है।

सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव लाने की जरूरत

ऑसीडीएस रावत ने यह भी कहा कि सेना में अलग-अलग स्तरों पर बदलाव लाने की जरूरत है। इसमें राजनीतिक-सैन्य, रणनीतिक संचालन और सामरिक स्तर शामिल हैं। परिवर्तन के मुख्य आधार पद संरचना, प्रौद्योगिकी, जीविका और तत्परता हैं। उन्होंने  आगे कहा कि परमाणु युद्ध के तहत पारंपरिक युद्धों या सीमित युद्धों के लिए संगठनात्मक संरचान पहले से मौजूद है, लेकिन उन्हेंने री-मॉडल, री-इक्विप्ड और री- ओरिएंटेड करने की आवश्यक्ता है, तकि आवश्यक लचीलेपन के साथ डिजीटल युद्ध क्षेत्र में संयुक्त लड़ाई लड़ी जा सके।