नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मदरसों में NIOS के नए पाठ्यक्रम संबंधित मीडिया रिपोर्ट में तथ्यों से खिलवाड़ की बात कही और स्पष्टीकरण दिया है। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) की ओर से मदरसा में रामायण और भगवद्गीता की पढ़ाई वाले नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
रिपोर्ट में तथ्यों से खिलवाड
एक रिपोर्ट के अनुसार, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत NIOS की ओर से कक्षा- 3,5 और 8 के लिए 100 मदरसों में नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी जिसमें प्राचीन भारत और वसीयतों की पढ़ाई होगी। इसके तहत भगवद्गीता व रामायण भी पढ़ना होगा। हालांकि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस रिपोर्ट को गलत बता स्पष्टीकरण दी गई और कहा गया कि इसमें तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘मीडिया के रिपोर्ट में तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया गया है, यह वास्तविकता से अलग है और इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादा नजर आता है। यहां पर स्पष्ट किया जाता है कि NIOS मदरसों को SPQEM (मदरसों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान) के तहत मान्यता देता है।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को NIOS के केंद्रीय मुख्यालय में स्टडी मैटिरियल जारी किया और कहा, ‘भारत प्राचीन भाषाओं, विज्ञान, कला, संस्कृति और परंपरा की खान है। अब देश अपनी प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करके ज्ञान के क्षेत्र में सुपरपावर बनने को तैयार है। हम इन कोर्स के लाभ को मदरसों और विश्व में मौजूद भारतीय समाज तक पहुंचाएंगे। इसमें यह भी कहा गया कि NIOS ने भारतीय जन परंपरा के तहत 15 नए कोर्स तैयार किए जिसमें छात्रों को वेद, योग, विज्ञान, संस्कृत भाषा, रामायण और गीता के बारे में जानकारी दी जाएगी।
NIOS की मान्यता वाले देश भर में 100 मदरसे
NIOS से संबंद्ध रखने वाले देश भर में 100 मदरसे हैं। इनमें 50 हजार के करीब छात्र हैं। निकट भविष्य में NIOS की मान्यता करीब 500 और मदरसों को देने की योजना है। ऐसा पूरी तरह से मदरसों की मांग के आधार पर ही किया जाएगा।