Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

मंगल से NASA के रोवर ने भेजी पहली हाई डेफिनेशन वीडियो, सुनाई दे रही आवाज- देखें

केप कैनवरल। नासा के पर्सिवेरेंस यान ने मंगल ग्रह की पहली हाई डेफिनेशन वीडियो भेजी है। नासा द्वारा जारी इस तीन मिनट के वीडियो को पर्सिवेरेंस रोवर ने लैंडिंग के समय लिया था। जिसमें हवाओँ के चलने की आवाज भी साफ सुनाई दे रही है। पर्सिवेरेंस में 25 कैमरे और दो माइक्रोफोन लगे हैं। अगर इसमें लगे कैमरे कुछ विशेष देखते हैं तो मिशन कंट्रोल रोबोटिक आर्म की मदद से नमूने एकत्र करेगा।

नासा की ओर से जारी वीडियो में पर्सिवियरेंस रोवर लाल और सफेद रंग के पैराशूट के सहारे सतह पर उतरता हुआ नजर आ रहा है। यह वीडियो 3 मिनट 25 सेकंड की है। वीडियो में धूल के गुबार के बीच रोवर को सतह पर लैंड करते हुए दिख रहा है। इससे पहले लाल ग्रह की सतह पर उतरने के महज 24 घंटे से भी कम समय में नासा के रोवर ने पहली कलर तस्वीर भेजी थी।

पर्सिवेरेंस नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है। अब तक के सबसे जोखिम भरे और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण इस अभियान का उद्देश्य यह पता लगाना है कि मंगल ग्रह पर क्या कभी जीवन था। अभियान के तहत ग्रह से चट्टानों के टुकड़े भी लाने का प्रयास होगा, जो इस सवाल का जवाब खोजने में अहम साबित हो सकते हैं।

कहां उतरा है पर्सिवेरेंस

यह यान जहां उतरा है वह 45 किलोमीटर चौड़ा जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है। यहां गहरी घाटियां, नुकीले पहाड़ और रेत के टीले हैं। ऐसे में नासा रोवर की लैंडिंग पर दुनियाभर के विज्ञानियों की निगाहें टिकी थीं। ऐसा माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर पर पहले नदी बहती थी। जो कि एक झील में जाकर मिलती थी। इसके बाद वहां पर पंखे के आकार का डेल्टा बन गया। मिशन के लिए लीडिंग टीम का नेतृत्व करने वाले चैन ने कहा, ‘हमें एक अच्छी समतल भूमि मिली है। इस सपाट स्थान पर यह केवल 1.2 डिग्री झुका हुआ है।’