Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

Lalu Yadav: लालू के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने तरेरी आंखें, कह दी बड़ी बात…

रांची। Jharkhand News, Lalu Yadav News, Lalu Prasad Yadav चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई और रिम्स निदेशक को शोकॉज जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने कहा कि इसके लिए रिम्स प्रबंधन को पूर्व में दो बार आदेश दिया गया, लेकिन उनकी ओर से लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में क्यों नहीं दाखिल नहीं की गई। अदालत ने रिम्स निदेशक को अंतिम मौका देते हुए मेडिकल रिपोर्ट तलब की है। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित की गई है।

सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद की ओर से बताया गया कि उन्हें रिम्स प्रबंधन की ओर से मेडिकल रिपोर्ट मिली है। इसमें कहा गया है कि लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजा गया है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के बाद ही उन्हें एम्स स्थानांतरित किया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद ही पता चल पाएगा कि लालू को एम्स भेजने का निर्णय क्यों लिया गया।

कोर्ट ने मामले में तल्‍खी दिखाते हए कहा- रिम्स ने मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की है। उक्त रिपोर्ट सबसे पहले कोर्ट में पेश की जानी थी। इस पर सरकार ने कहा कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के जरिए रिम्स से रिपोर्ट मांगी गई थी। तब जाकर उन्हें उक्त रिपोर्ट मिली है। अदालत ने कहा कि पिछले दो सुनवाई से अदालत मेडिकल रिपोर्ट मांग रही है। लेकिन रिम्स कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं कर रहा है।

एसओपी को मिली गृह विभाग की मंजूरी

सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि जेल से बाहर इलाज करा रहे कैदियों की सुरक्षा को लेकर बनी एसओपी में कोर्ट के सुझाव के अनुसार संशोधन किया गया है। संशोधित एसओपी गृह विभाग को भेजी गई है। गृह विभाग ने इस एसओपी को औपबंधिक मंजूरी प्रदान कर दी है। वहीं, जेल मैनुअल में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। तब तक एसओपी के तहत जेल में रहने वाले कैदियों को सुविधाएं दी जाएंगी। बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है।