Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

सिस्टर अभया केस: 28 साल पहले हुए मर्डर केस में दोषियों को आजीवन कारावास

तिरुअनंतपुरम। केरल में तिरुअनंतपुरम की सीबीआइ अदालत ने 21 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 28 साल बाद एक कैथोलिक पादरी और एक नन को मंगलवार को दोषी पाया था। सिस्टर अभया का शव 1992 में कोट्टायम के एक कान्वेंट के कुएं में मिला था। उसकी हत्या इसलिए की गई थी, क्योंकि उसने पादरी और नन को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था।

मंगलवार को अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या और सुबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप साबित होते हैं। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। आरोप पत्र के मुताबिक फादर थॉमस कोट्टूर और फादर फूथराकयाल के सिस्टर सेफी के साथ अवैध संबंध थे। फादर फूथराकयाल को सुबूतों के अभाव में पहले ही बरी कर दिया गया है।

सिस्टर अभया कोट्टायम स्थित बीसीएम कालेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह सेंट पायस कान्वेंट में ही रहती थी। अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही गुजर गए। हालांकि अभया के भाई ने फैसले पर खुशी जताई है।

पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने मामले की जांच की और कहा कि यह आत्महत्या का मामला है। सीबीआइ ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली। इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई। अभियोजन के मुताबिक अभया पर पहले कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था और फिर उसे कुएं में फेंक दिया गया था।

अहम रही चोर की गवाही

अदालत के इस फैसले में एक चोर अदक्का राजू की गवाही अहम रही। घटना की रात राजू चोरी करने के लिए कान्वेंट गया था। उसने अदालत को बताया कि उसने पादरी और नन को देर रात में कान्वेंट में देखा था। इस मामले के कई गवाह मुकर गए। लेकिन, राजू पूरी सुनवाई के दौरान अपने बयान पर कायम रहा। अदालत का फैसला आने के बाद उसने कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं, क्योंकि मेरे बच्चे को इंसाफ मिल गया है।