राम विलास पासवान ने कहा- चीनी उद्योग को उबारने की कोशिश जारी, किसानों को नहीं होगा नुकसान
नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि चीनी उद्योग को उबारने के लिए पेट्रोलियम पदार्थो में जैव-ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाले एथनॉल की मात्रा अब दस फीसद तक होगी। फिलहाल अभी पेट्रोलियम पदार्थों में इसकी मात्रा पांच फीसद ही है, जो इससे पहले मात्र दो फीसद थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकारा कि इन सारे उपायों के बाद भी चीनी उद्योग संकट में दिख रहा है।
केंद्रीय मंत्री पासवान शुक्रवार को राज्यसभा में चीनी मिलों के संकट से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को उबारने के लिए सरकार की ओर से उन्हें लगातार मदद दी जा रही है। बावजूद इसके चीनी मिल मालिक नुकसान का हवाला देकर किसानों को भुगतान देने में आनाकानी करते हैं।
उन्होंने साफ किया कि हम सिर्फ किसानों से गन्ना खरीद की दरें तय करते हैं। चीनी मिल मालिक यदि किसानों का शोषण कर रहे और भुगतान नहीं कर रहे है तो ऐसी मिलों के खिलाफ राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह राज्य सरकारों के ही अधिकार क्षेत्र में आता है।
एक पूरक प्रश्न के जवाब में पासवान ने बताया कि देश में कुल 747 चीनी मिलें है। लेकिन में इनमें से वर्ष 2018-19 में 529 ही कार्यरत थीं, जबकि वर्ष 2019-20 में कुल 446 चीनी मिले ही कार्यरत रह गई हैं। बाकी मिलें बंद हो गई। वहीं, कुल मिलों में 43 सरकारी चीनी मिलें हैं, जबकि 329 सहकारी चीनी मिलें और 375 निजी मिलें हैं।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री का कहना था कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले वर्षो में चीनी का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन खपत में से कम से करीब सौ लाख टन चीनी स्टॉक में पड़ी है।