सिंधिया ने तोड़ा कांग्रेस का भरोसा! 18 साल के राजनीतिक सफर में दिए पदों की कराई गिनती
भोपाल: मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक गिने जाते हैं। लेकिन होली वाले दिन उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनके यूं पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों से नाराजगी है। सिंधिया ने कहा कि उनकी पार्टी में उपेक्षा हुई है। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने पिछले 18 साल की राजनीतिक सफर में उनके पदों के बारे में ट्वीट किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए लिखा कि 17 साल सांसद, 2 बार केंद्रीय मंत्री, मुख्य सचेतक, राष्ट्रीय महासचिव, यूपी का प्रभारी, कार्यसमिति सदस्य, चुनाव अभियान प्रमुख बनाया। इसके साथ ही 50 टिकट और 9 मंत्री दिए। लेकिन बावजूद इसके वे मोदी- शाह की शरण में गए।
सिंधिया जी की 18 साल की राजनीति में कांग्रेस ने :
– 17 साल सांसद बनाया
– 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया
– मुख्य सचेतक बनाया
– राष्ट्रीय महासचिव बनाया
– यूपी का प्रभारी बनाया
– कार्यसमिति सदस्य बनाया
– चुनाव अभियान प्रमुख बनाया
– 50+ टिकट, 9 मंत्री दियेफिर भी मोदी-शाह की शरण में ?
बता दें कि 2019 की लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया की पूरजोर मेहनत से कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन कमलनाथ को सीएम पद पर बैठाया गया। कमलनाथ सरकार में उनकी उपेक्षा हुई। उन्हें न तो कोई उच्च पद और न ही कोई राजनीतिक जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेशाध्यक्ष के पद के लिए अटकलों का बाजार गर्म हुआ तो इस पर भी कमलनाथ ने उन्हें अनदेखा कर दिया। इसके बाद 2020 में होने वाले राज्यसभा चुनाव में सिंधिया को आशा थी कि उन्हें राज्य सभा भेजा जाएंगा। लेकिन इस बार भी उनकी पूरी तरह से उपेक्षा हुई। आखिरकार सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया और 9 मार्च को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा दिया।
सिंधिया आगे लिखते हैं, ‘मेरे लोगों और कार्यकर्ताओ की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मेरा मानना है कि अब मुझे आगे बढ़कर नई शुरुआत करनी चाहिए। मैं आपका और पार्टी के साथियों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे देश की सेवा करने का प्लैटफॉर्म दिया।’