Logo
ब्रेकिंग
रामगढ़ में सड़कों पर खुलेआम पशुओं को छोड़ने वाले मालिकों की अब खैर नहीं! बिजुलिया तालाब का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक सुनीता चौधरी ने किया शिलान्यास, बोटिंग, सिटिंग, झूले और भ... नशे के सौदागरों के विरुद्ध रामगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ से अधिक का गांजा जप्त, एक गिरफ्तार मॉबली*चिंग के खिलाफ भाकपा-माले ने निकाला विरोध मार्च,किया प्रदर्शन छावनी को किसान सब्जी विक्रेताओं को अस्थाई शिफ्ट करवाना पड़ा भारी,हूआ विरोध व गाली- गलौज सूक्ष्म से मध्यम उद्योगों का विकास हीं देश के विकास का उन्नत मार्ग है बाल गोपाल के नए प्रतिष्ठान का रामगढ़ सुभाषचौक गुरुद्वारा के सामने हुआ शुभारंभ I पोड़ा गेट पर गो*लीबारी में दो गिर*फ्तार, पि*स्टल बरामद Ajsu ने सब्जी विक्रेताओं से ठेकेदार द्वारा मासूल वसूले जाने का किया विरोध l सेनेटरी एवं मोटर आइटम्स के शोरूम दीपक एजेंसी का हूआ शुभारंभ

सिंधिया ने तोड़ा कांग्रेस का भरोसा! 18 साल के राजनीतिक सफर में दिए पदों की कराई गिनती

भोपाल: मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक गिने जाते हैं। लेकिन होली वाले दिन उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनके यूं पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों से नाराजगी है। सिंधिया ने कहा कि उनकी पार्टी में उपेक्षा हुई है। लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने पिछले 18 साल की राजनीतिक सफर में उनके पदों के बारे में ट्वीट किया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए लिखा कि 17 साल सांसद, 2 बार केंद्रीय मंत्री, मुख्य सचेतक, राष्ट्रीय महासचिव, यूपी का प्रभारी, कार्यसमिति सदस्य, चुनाव अभियान प्रमुख बनाया। इसके साथ ही 50 टिकट और 9 मंत्री दिए। लेकिन बावजूद इसके वे मोदी- शाह की शरण में गए।

MP Congress

@INCMP

सिंधिया जी की 18 साल की राजनीति में कांग्रेस ने :

– 17 साल सांसद बनाया
– 2 बार केंद्रीय मंत्री बनाया
– मुख्य सचेतक बनाया
– राष्ट्रीय महासचिव बनाया
– यूपी का प्रभारी बनाया
– कार्यसमिति सदस्य बनाया
– चुनाव अभियान प्रमुख बनाया
– 50+ टिकट, 9 मंत्री दिये

फिर भी मोदी-शाह की शरण में ?

View image on Twitter
2,354 people are talking about this

बता दें कि 2019 की लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया की पूरजोर मेहनत से कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन कमलनाथ को सीएम पद पर बैठाया गया। कमलनाथ सरकार में उनकी उपेक्षा हुई। उन्हें न तो कोई उच्च पद और न ही कोई राजनीतिक जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रदेशाध्यक्ष के पद के लिए अटकलों का बाजार गर्म हुआ तो इस पर भी कमलनाथ ने उन्हें अनदेखा कर दिया। इसके बाद 2020 में होने वाले राज्यसभा चुनाव में सिंधिया को आशा थी कि उन्हें राज्य सभा भेजा जाएंगा। लेकिन इस बार भी उनकी पूरी तरह से उपेक्षा हुई। आखिरकार सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया और 9 मार्च को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

ANI_HindiNews@AHindinews

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा दिया।

View image on Twitter
73 people are talking about this
सिंधिया ने अपने इस्तीफे में साफ तौर पर कहा है कि वह अपने लोगों, कार्यकर्ताओं और राज्य के लिए कांग्रेस में रहकर काम नहीं कर पा रहे हैं। अपनी तकलीफ बताते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया लिखते हैं, ‘पिछले 18 साल से मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य रहा हूं लेकिन अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। आप जानती हैं कि पिछले साल से ही मैं इससे बच रहा था। शुरुआत से ही मेरा उद्देश्य देश और मेरे राज्य के लोगों की सेवा करना रहा है। मेरा मानना है कि इस पार्टी में रहते हुए अब मैं यह नहीं कर सकता हूं।’

सिंधिया आगे लिखते हैं, ‘मेरे लोगों और कार्यकर्ताओ की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मेरा मानना है कि अब मुझे आगे बढ़कर नई शुरुआत करनी चाहिए। मैं आपका और पार्टी के साथियों को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे देश की सेवा करने का प्लैटफॉर्म दिया।’