कोरोना वायरस पर सरकार की दिशा निर्देशों के बीच लाखों भक्तों ने लिया ‘पोंगल’ उत्सव में भाग
तिरुवनंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस के छह ताजा पॉजिटिव मामलों के मद्देनजर जारी सख्त सरकारी दिशानिर्देशों का भक्तों पर कोई असर नहीं हुआ। लाखों महिलाओं ने प्रसिद्ध ‘अट्टुकल पोंगल’ में भाग लिया, जो महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध उत्सव है। चिलचिलाती धूप में भी राज्य और बाहर से आए श्रद्धालु नहीं झुके बड़ी संख्या में सभी जातियों की महिलाओं के द्वारा मंदिर के आसपास के क्षेत्र में पोंगल नाम का प्रसाद बनाया गया।
पिछले वर्षों के विपरीत, बच्चों और बड़ों सहित महिला भक्तों को वायरस के प्रकोप के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में, प्रसाद तैयार करते समय चेहरे के मास्क पहने हुए देखा गया। इस दौरान लोग हैंड सेनिटाइज़र का भी उपयोग कर रहे थे। वहीं, कुछ भक्तों ने शिकायत की कि शहर के कई चिकित्सा दुकानों में मास्क और सैनिटाइज़र स्टॉक से बाहर थे।
‘पोंगल’ (मिठाई का प्रसाद) तैयार करना एक शुभ सर्व-महिला अनुष्ठान माना जाता है, जो यहां के अट्टुकल भवति मंदिर के वार्षिक उत्सव के हिस्से के रूप में लोकप्रिय है, जिसे ‘महिला सबरीमाला’ के नाम से जाना जाता है। पोंगल एक मिट्टी के बर्तन में बनाया जाने वाला एक मीठा चावल है जो गुड़, नारियल और केले की निश्चित मात्रा मिलाकर उबाल कर तैयार किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजे जाने वाले अट्टुकल देवी के स्वरूप का ये पसंदीदा पकवान है। अट्टुकल पोंगल उत्सव मुख्य रूप से केरल राज्य में मनाया जाता है।
पूजा के लिए मंदिर का मुख्य पुजारी देवी की तलवार हाथों में लेकर पूरे प्रांगण में घूमता है और भक्तों पर पवित्र जल और पुष्प फेंकता जाता है। इस त्योहार को महिलाओं की सबसे बड़ी वार्षिक सभा के रूप में भी जाना जाता है।
कोरोना वायरस के मद्देनजर जारी की गई थी एडवाइजरी
केरल में पांच नए कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन लोग इटली से लौटे थे। इसके बाद सरकार ने अलर्ट जारी किया था। इस बीच, कोच्चि में एक तीन साल के बच्चे में भी वायरस की पुष्टि हो गई, अधिकारियों ने सोमवार को कहा। बता दें कि केरल ही ऐसा राज्य था, जहां सबसे पहले इस घातक वायरस से पॉजिटिव तीन मामले रिपोर्ट किए गए थे। हालांकिं, उनका सफलतापूर्वक इलाज हो गया था।