दिल्ली हिंसाः मौत का सामान दंगों से दो दिन पहले पहुंच गया था ताहिर के घर
नई दिल्ली: उतर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में आगजनी कैसे फैली और आईबी अधिकारी अंकित की हत्या कैसे की गई, इसकी परतें धीरें धीरें खुल रही है। जैसे जैसे दंगे के आरोपी ताहिर ओर शाहरुख से पूछताछ की जा रही है वैसे वैसे लग रहा है कि हिंसा की आग ओर भी तेजी होती अगर पुलिस समय पर एतियाती कदम नहीं उठाती। जांच में पता चला है कि पार्षद ताहिर जिस दिन अपने छत से अपने साथियों के साथ पेट्रोल बम्ब के फेंक रहा था उसी दौरान वह कई लोगों के संपर्क में भी था। क्राइम ब्रांच ने ऐसे करीब 12 से अधिक नंबरों को ट्रेस किया है। उसकी कॉल डिटेल से पता चला है कि ताहिर न सिर्फ खुद आगजनी कर रहा था ,बल्कि अपने फोनेंा के जरिए अन्य इलाकों में दिशा निर्देश दे रहा था।
दो दिन पहले फैक्ट्री करा दी थी खाली
बताया जाता है कि जो पेट्रोप बम सहित हथियार व आपत्तिजनक सामान ताहिर के घर से मिले हंै, वे दो दिन पहले ही उसके घर में लाए गए थे। यानि की साफ है कि ताहिर को आशंका थी कि जाफराबाद में जब महिलाएं धरने पर बैैठेंगी तो उसके बाद इस इलाके में बड़ी ङ्क्षहसा हो सकती है। इसके अलावा जांच में भी आया है कि ताहिर ने ङ्क्षहसा के दो दिन पहले अपने बेसमेंट सहित फस्र्ट फ्लोर को खाली करवा दिया था, जबकि इन फ्लोर पर उसका फैक्ट्री का सामान भरा रहता है। इस संबंध में जब ताहिर से पूछताछ की गई तो उसने सभी आरोपों को नकार दिया। पुलिस अब सीसीटीवी के जरिए ये पहचान करने की कोशिश में लगी है कि आखिरकार वो कौन लोग थे जो ताहिर से उन दो दिनों के दौरान मिले थे और किसके जरिए ये सामान उसके घर पहुंचाया गया था।
12 को नोटिस जारी
हिंसा के समय वह जिन लोगों के सम्पर्क में था, पुलिस उन लोगों को भी नोटिस भेज रही है। ताहिर के पड़ोस में रहने वाले लोगों ने पुलिस को बयान दिया है कि हिंसा के समय उपद्रवियों के साथ उसका सौतेला भाई शाह आलम भी छत पर था। इसके अलावा मौके पर कई गोलियां चली थी इसके लिए ताहिर की लाइसेंसी पिस्टल को एफएसएल जांच के लिए भेजा गया है ताकि ये पता चल सके कि क्या इसका भी इस्तेमाल किया गया था।