हत्या के आरोप में जेल में बंद दारोगा पर लगाा एक और आरोप, ये रहा पूरा मामला
जमशेदपुर। हत्या के आरोप में जेल में बंद निलंबित दारोगा मनोज गुप्ता पर चंदन कुमार ने अपराधियों से हत्या करा देने की धमकी दिलवाने का आरोप लगाया है। चंदन कुमार दारोगा मनोज गुप्ता की पत्नी पूनम गुप्ता
की परिचित है और दारोगा द्वारा की गई फायरिंग में मारी गई सीमा देवी का बेटा हैं।
जिस दिन सोनारी स्थित नौलखा अपार्टमेंट में दारोगा ने पारवारिक विवाद में फायरिंग की थी, उस समय दारोगा की पत्नी के साथ चंदन व उसकी मां सीमा देवी वहीं थे। फायरिंग में सीमा देवी की मौत हो गई थी। घटना में चंदन घायल हुआ था। वह पटना के मीठापुर का रहने वाला है। जुलाई से ही दारोगा मनोज गुप्ता जेल में बंद है। उसके विरूद्ध दर्ज मामले में न्यायालय में गवाही की प्रक्रिया जारी है।
पीपी को भेजा पत्र
इस बीच मामले में नया मोड़ तब आ गया जब चंदन कुमार ने लोक अभियोजक को पत्र भेज पुलिस सुरक्षा उपलब्ध होने पर ही गवाही देने की बात कही। पत्र के माध्यम से बताया कि दो मार्च को मनोज गुप्ता द्वारा भेजे गए चार अपराधियों ने उसके पटना आवास पर आकर धमकी दी। गवाही देने पर बुरे परिणाम भुगतने और हत्या करने की चेतावनी दी। सभी पिस्तौल से लैस थे। समझौता करने के लिए उसपर दबाव दिया। उसके इस पत्र के संबंध में अदालत और दारोगा के अधिवक्ता को जानकारी दे दी गई है। ये भी बताया गया दारोगा के रिश्तेदार ने पूनम गुप्ता से 55 मिनट से अधिक समय तक मोबाइल पर बातचीत की। हमेशा उसे यही कहा जाता रहा कि मामले में क्या करना हैं जल्द बताओ। उसपर मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है। वहीं मनोज गुप्ता ने बंदी पत्र के माध्यम से पुलिस द्वारा अदालत में सौंपे गए दस्तावेज उसके अधिवक्ता को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।
पारिवारिक विवाद में चलाई थी गोली
गौरतलब है कि पारिवारिक विवाद में 26 जुलाई 2019 को नौलखा अपार्टमेंट में दारोगा ने गोली चलाई थी। इसमें सीमा देवी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दारोगा की पत्नी पूनम गुप्ता और चंदन कुमार घायल हो गए थे। घटना के बाद दारोगा सर्विस रिवाल्वर लहराते हुए भाग निकले थे। बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। पूनम गुप्ता की शिकायत पर मनोज गुप्ता के खिलाफ हत्या और हत्या की नीयत से फायरिंग कर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए सोनारी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
केस डायरी में नाम नहीं होने पर गवाही कराने का विरोध
मनोज गुप्ता के विरुद्ध चल रहे गवाही प्रक्रिया में एफएसएल विभाग के राजेश रंजन की बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चार राजेंद्र कुमार सिन्हा की गवाही थी। दारोगा के अधिवक्ता गौरव कुमार पाठक ने न्यायालय में अर्जी दाखिल कर राजेश रंजन की गवाही कराए जाने का विरोध किया। कहा कि पुलिस के आरोप पत्र या केस डायरी में गवाह का नाम नहीं है। ऐसे में गवाह की गवाही नहीं होनी चाहिए। इस मामले में सात मार्च को सुनवाई होगी। दारोगा के अधिवक्ता की अर्जी पर अभियोजन पक्ष अपना पक्ष रखेंगे।