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औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग को लेकर शिवसेना ने साधा BJP पर निशाना

मुंबई: शिवसेना ने औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर रखने की मांग को लेकर सोमवार को महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधा। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में भाजपा को याद दिलाया गया है कि 25 साल पहले शिवेसना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया था।

शिवसेना ने पाटिल की टिप्पणी को खास तवज्जो न देते हुए कहा, उन्हें यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं और यहां कोई औरंगजेब का वशंज नहीं है।” संपादकीय में विवादित पुस्तक आज के शिवाजी: नरेन्द्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा गया है कि भाजपा पिछले पांच वर्षों से छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम ले रही है और अब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करने की गुस्ताखी करने लगी है। शिवसेना ने कहा कि भाजपा पिछले पांच साल तक राज्य में सत्ता में थी और केन्द्र में अब भी उसकी सरकार है। संपादकीय में कहा गया है, आपने औरंगाबाद का नाम क्यों नहीं बदला? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के इलाहाबाद और अन्य शहरों के नाम बदल दिये। भाजपा को याद होना चाहिये कि 25 साल पहले बालासाहेब ने संभाजीनगर का नाम बदला था।

गौरतलब है कि औरंगाबाद नगर निगम ने जून 1995 में शहर का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन कांग्रेस के एक पार्षद ने इसे पहले बंबई उच्च न्यायालय और फिर बाद में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे दी थी, जिसके बाद इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। पाटिल ने पिछले सप्ताह औरंगाबाद का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी के नाम पर रखने की मांग की थी। भाजपा नेता ने कहा था, हम छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी महाराज के वंशज हैं, औरंगजेब के नहीं। लिहाजा सभी तकनीकी समस्याओं को दूर कर औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया जाना चाहिए।

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