विंग कमांडर अभिनंदन के फैन थे दिल्ली हिंसा में मारे गए हेड कांस्टेबल रतन लाल, वैसी रखी थीं मूंछें
नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों की गोली से मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल को पुलिस लाइन में मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उप राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने रतन लाल को अंतिम विदाई दी और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी, रतन लाल के सहयोगी और अन्य लोग भी मौजूद थे। रतन लाल के साथ के पुलिसकर्मी अपने साथी की इस तरह मौत से बेहद दुखी हैं।
कल जब हेड कांस्टेबल रतन लाल की अंतिम शव यात्रा निकाली गई तो पुलिस की गाड़ी पर बैनर लगाया गया था जिस पर लिखा था-‘दुश्मनों के बीच से जिंदा आया भारत का लाल, वतन में छिपे गद्दारों के हाथों मरे श्री रतनलाल…. सैल्यूट.’ ट्रक पर वायुसेना के अधिकारी अभिनंदन और रतन लाल की तस्वीरें भी थीं।
विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान का फैन था रतन लाल
हेड कांस्टेबल रतन लाल के साथियों ने बताया कि वो विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान का फैन था इसलिए उसने उनके जैसी ही मूंछे और हेयर स्टाइल रखा था। वो अपनी मूंछों के कारण दिल्ली पुलिस के बीच काफी फेमस भी था और सभी उनको अभिनंदन कहकर ही बुलाते थे। इतना ही नहीं रतन लाल ने अपने बेटे को कहा था कि वो बड़ा होकर विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान जैसे ही बने। 27 फरवरी 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 जेट को मार गिराया था और दुश्मन की चुंगल से छूट कर भारत लौटे थे। विंग कमांडर अभिनंदन के भारत लौटने के बाद रतन लाल ने बिल्कुल अभिनंदन की तरह की मूंछे रख ली थी। अब इसे संयोग ही कहेंगे कि विंग कमांडर अभिनंदन देश के दुश्मनों से लड़े थे लेकिन रतन लाल अपने देश के अंदर के लोगों के हाथों ही मारे गए।
पुलिस आयुक्त ने रतन लाल की मौत पर दुख जताते हुए कहा,‘‘ दिल्ली पुलिस को रतन लाल जी पर गर्व है और उनकी मौत हमारे लिए बड़ा नुकसान है। दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।” 42 वर्षीय रतन लाल का गुरु तेग बहादुर अस्पताल में पोस्टमाटर्म किया गया। पोस्टमाटर्म की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि रतनलाल के बायें कंधे में गोली लगी और वह दायें कंधे में मिली है। पहले ऐसी आशंका थी कि उनकी पत्थर लगने से मौत हुई है। उनका अंतिम संस्कार राजस्थान के सीकर जिले के रायगढ़ शेखावटी के फतेहपुर तिहावली गांव हुआ।