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वंदे भारत एक्सप्रेस ने बिना बाधा के एक साल किया पूरा, कमाई में तोड़ दिए रिकॉर्ड

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 फरवरी को इस रेलगाड़ी का उद्घाटन किया गया था

 भारतीय रेलवे की पहली स्वदेशी रेल वंदे भारत एक्सप्रेस ने सेवा के एक साल पूरे कर लिए है। इस मौके पर उत्तर रेलवे ने बताया कि इस दौरान इस गाड़ी ने कुल 3.8 लाख किलोमीटर की दूरी तय की, कुल 92.29 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। इस दौरान वंदेभारत एक्सप्रेस की 100 प्रतिशत सीटें भरी रहीं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये साल में एक बार भी रद्द नहीं हुई।

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वंदे भारत के एक साल पूरा करने पर कहा कि यात्रियों की सेवा में कार्यरत वंदेभारत एक्सप्रेस ने अपने एक वर्ष में देश में रेल यातायात की परिभाषा और उसके प्रति लोगों के विचार को बदला है। आधुनिकता, समय पालन, और सुविधाओं में बेहतरीन यह ट्रेन यात्रियों को भारतीय रेल के भविष्य की एक झलक दिखा रही है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 फरवरी को इस रेलगाड़ी का उद्घाटन किया गया था और इसके दो दिन बाद (17 फरवरी, 2019) को इसने नई दिल्ली से वाराणसी के लिए अपना व्यावसायिक संचालन शुरू किया। वंदे भारत एक्सप्रेस नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की दूरी आठ घंटे में तय करती है और सोमवार तथा वीरवार को छोड़कर सप्ताह के शेष सभी दिनों में चलती है।

जानें ट्रेन की खासियत 

  • वंदे भारत को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है। इसे चेन्नै की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में 100 करोड़ रु. की लागत से 18 महीने में तैयार कर लिया गया।
  • इस ट्रेन में एसी चेयर कार और एग्जिक्युटिव क्लास, दो तरह की बोगियां हैं।
  • इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी अन्य ट्रेनों की तरह इंजन नहीं दिखेगा। ड्राइविंग सिस्टम लगे पहले कोच में 44 सीटें भी हैं।
  • ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई विशेष सीट भी लगाई गई है, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर 360 डिग्री तक मूव किया जा सकता है।
  • इन कोच में दिव्यांग जनों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है।
  • हर कोच में छह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ड्राइवर के कोच में एक सीसीटीवी इंस्टॉल किया गया है, जहां से यात्रियों पर नजर रखी जा सकती है।
  • ट्रेन में टॉक बैक सुविधा भी है, यानी आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात भी कर सकते हैं।
  • हर कोच में दो इमर्जेंसी स्विच लगाए गए हैं। आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है।