CIMFR: अब भारत से नार्वे नहीं भेजे जाएंगे पत्थरों के सैंपल, धनबाद में होगी संपूर्ण गुण-धर्म की जांच
कंपनी के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जो भी सरकारी व प्राइवेट माइनिंग कंपनिया है,
धनबाद। पिछले तीन वर्षो से लगातार नेशनल बिजनेस टेकनोलॉजी आवार्ड जितने वाली सीएसआइआर सिंफर धनबाद। आज फिर से चर्चा में है। वजह कंपनी में एमटीएस 815.02 रॉक टेस्टिंग मशीन का सेटअप। यह अपने तरह की साउथ ईस्ट एशिया की पहली मशीन है। यह जमीन के नीचे 300 से 400 मीटर स्थित पत्थर के संपूर्ण गुणधर्म बाएगी। नीचे दबे पत्थर का अपना नेचर होता है। मशीन इसी का विशलेषण व न्यूमेरिकल रिपोर्ट तैयार कर कंपनी के इंडस्ट्रीज पाटनर को देगी। पहले भारत में यह सुविधा नहीं थी, पत्थर के सैंपल को नार्वे भेजा जाता था। मशीन को अमेरिका से खरीदा गया है।
पूरे देश के रॉक सैंपल धनबाद आएगें
कंपनी के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जो भी सरकारी व प्राइवेट माइनिंग कंपनिया है, उनके सारे सैंपल अब धनबाद आएगें। कहा कि यह मशीन पुरी तरह से ऑटोमेटिक व डिजिटल है। जिससे ऑन लाइन रिपोर्ट तुरंत कहीं भी ट्रॉसफर किया जा सकता है। मशीन की 270 टन कंपे्रसन रेंटिग व 135 टन की टेंसन रेंटिग के साथ हाई एक्सियल फोर्स प्रदान करने की क्षमता है।
- ये है मशीन की उपयोगिता
- फॉसिल फ्यूल की खोज व खनन में
- पहाड़ो या जमीन के नीचे सुरंग निर्माण में
- अंडर ग्राउंड टनल बनाने में – -जमीन के ढाल की सहन शक्ति बताने में
- भू-स्खलन वाली भूमि की पहचान में
- ब्रीज निर्माण व उसकी मजबूती बताने में
- हाइड्रो पावर प्राजेक्ट के टनल निर्माण में
- पत्थर की पहचान कर भूकंप को रोकने में
- पत्थर के छिद्रों से गैस निकालने में
- मशीन से पत्थर के इन प्रॉपर्टी की मिलती है जानकारी
- पत्थर की इलास्टिसिटी
- फिजिकल व मेकेनिकल स्ट्रेंथ
- कब और कैसे पत्थर होगा बस्ट
- पत्थर का स्वभाव
- कंप्रेसिव स्ट्रेंथ
- टेनसाइल स्ट्रेंथ
- डेनसिटी
- यंग मॉडलश
- प्वासों अनुपातध