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मार्च में होगा बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास, जानें क्या होता है ‘मिलान’

सभी देशों की नेवी को यह अभ्यास एक बेहतरीन मौका देता है जिसके जरिये सभी देशों के संबध भी मजबूत होंगे।

नई दिल्ली। भारतीय समुद्र में होने वाली बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास ‘मिलान ‘ (Milan)शुरू होने में सिर्फ एक महीना बाकी है। इसके लिए भारतीय नेवी ने तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने बताया कि मिलान अभ्यास से सभी देशों की नेवी सैनिक आपस से बहुत कुछ सीख पाएंगे और समुद्र की तकनीकों को भी आसानी से जान पाएंगे। मिलान सभी नेवी सैनिकों को सुमद्र के बारे विभिन्न प्रकार की जानकारी मुहैया कराएगा।

मिलान 2020 का मकसद

एडमिरल सिंह ने कहा कि मिलान 2020 बहुपक्षीय नौसेना अभ्यास है। समुद्र में किया जाने वाला यह अभ्यास कई समूहों में बांट कर किया जाएगा। इसमें समुद्री जहाज को चलाने की तकनीक के बारे में भी बताया जाएगा। एडमिरल ने जोर देते हुए कहा कि इस अभ्यास का मकसद समुद्री जहाज चालक के कौशल को तेज करना है। इसके अलावा समुद्री जहाज की सभी जिम्मेदारी सिखाना होगा।

आंध्र प्रदेश में होगा अभ्यास

बता दें कि मार्च महीने में आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में मिलान अभ्यास होना है। इसके लिए 42 देशों के नेवी सैनिकों को शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया है। इसमें सुंयक्त अमेरिका और रुस भी शामिल है। मिलान अभ्यास का थीम Synergy Across the Seas रहेगा। भारतीय नेवी चीफ ने साथ ही में कहा कि यह अभ्यास नेवी जहाज कमांडर को कई तकनीक से रू-ब-रू कराएगा। इस दौरान आने वाली दिक्कतों का समाधान निकालने पर भी इस अभ्यास में चर्चा की जाएगी।

अंडमान निकोबर आइलैंड से हुई थी मिलान अभ्यास की शुरुआत

बता दें कि मिलान अभ्यास भारत ने आयोजित किया था। इसकी शुरुआत अंडमान निकोबर आइलैंड में वर्ष 1995 में चार littoral navies हिस्सेदारी के साथ हुई थी। नेवी प्रवक्ता कमांडर विवेक मंडल (Vivek Madhwal) ने बताया कि यह यह अभ्यास द्विवाषिक है।

साथ ही उन्होंने बताया कि सभी देशों की नेवी को यह अभ्यास एक बेहतरीन मौका देता है जिसके जरिये सभी देशों के संबध भी मजबूत होंगे। पिछले दो दशकों में यह अभ्यास काफी विकसित हो रहा है। साल 2018 में आखिरी बार यह अभ्यास किया गया था। इसमें 17 देशों की नेवी ने हिस्सा लिया था।

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