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कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एसएसपी बने रहेंगे चीमा

प्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एसपीपी के लिए वकील का नाम सुझाने के लिए 10 फरवरी तक का वक्त दिया था।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले से जुड़े मनी लांडिंग मामले में वरिष्ठ वकील आरएस चीमा से विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) बने रहने को कहा है। वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से सुनवाई में शामिल होंगे। कोयला घोटाला कोल ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है।

चीमा के स्थान पर किसी अन्य वकील को एसपीपी नियुक्त पर सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत चीमा के स्थान पर किसी अन्य वकील को एसपीपी नियुक्त करने को कोशिशों में जुटी है। चीमा ने ईडी की सुनवाई से खुद को अलग करने की अपील की है।

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘हमारे अनुरोध पर, वरिष्ठ वकील/विशेष लोक अभियोजक आरएस चीमा कोयला घोटाले से जड़े मनी लांडिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत मनी लांडिंग मामले में सुनवाई के लिए 30 जून तक विशेष लोक अभियोजक बने रहने पर राजी हो गए हैं।’

इसके साथ ही पीठ ने आरएस चीमा की याचिका को सुनवाई के लिए मई के पहले हफ्ते में सूचीबद्ध कर दिया। चीमा ने शीर्ष अदालत को बताया था कि वह कोयला घोटाले में सीबीआइ की तरफ से एसपीपी बने रहने को तो तैयार हैं, लेकिन ईडी की तरफ से नहीं। उन्होंने इसके लिए वकीलों की कमी का हवाला दिया था, जो इस मामले में उनकी सहायता कर सकें।

2014 में चीमा को किया था नियुक्त

शीर्ष अदालत ने इस मामले में आरएस चीमा को वर्ष 2014 में एसपीपी नियुक्त किया था। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एसपीपी के लिए वकील का नाम सुझाने के लिए 10 फरवरी तक का वक्त दिया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का सुझाव दिया था, जिसे पीठ ने नहीं माना।

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