Logo
ब्रेकिंग
प्रदूषण के मुद्दे पर आलोक स्टील का घेराव कर रहे चार ग्रामीण गिरफ्तार, दबाव पर पुलिस ने छोड़ दिया । ट्रिपल म'र्डर मामले में रामगढ़ कोर्ट का बड़ा फैसला, आरपीएफ जवान पवन सिंह को फां'सी की सजा । देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों मे प्रसिद्ध दिल्ली दरबार अब आपके शहर रामगढ़ में । फर्स्ट राउंड चुनाव परिणाम :5838 वोट से एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी आगे, रामगढ़ उपचुनाव प्रथम चरण मे... बेहतरीन तकनीकी की बदौलत दुनियाँ में तहलका मचाती Yamaha अब युवतियों को अपनी ओर खींच रहा । रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव मतदान संपन्न, 67.96 प्रतिशत लोगों ने डाले वोट, 2 मार्च को चुनाव परिणाम रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : डीसी माधवी मिश्रा ने मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण, दिये निर्देश रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने पूरे परिवार के साथ किया मतदान रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : उपायुक्त माधवी मिश्रा और एसपी पीयूष पांडेय ने किया मतदान भव्य कलश यात्रा के साथ आठ दिवसीय श्री श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ प्रारंभ।

दिल्ली विधानसभा चुनाव: स्थानीय मुद्दों को दरकिनार करने पर BJP को मिली हार

जपा नेतृत्व ने दिल्ली के वोटरों की मानसिकता को न समझकर एक गलत अभियान की योजना बनाई।

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई है। भाजपा का वोट प्रतिशत और सीटें तो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बढ़ गई इैं लेकिन 2 दशक से ज्यादा समय से सरकार बनाने का इंतजार कर रही पार्टी का सपना फिर टूट गया। अब उसे 5 साल और इंतजार करना पड़ेगा। इस चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी की तुलना में स्थानीय मुद्दों को दरकिनार कर राष्ट्रीय मुद्दों को उठाया, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दे भाजपा को उलटे पड़ गए। आम आदमी पार्टी बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट जैसे स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरी और उसे बंपर सीटें मिलीं। हालांकि भाजपा ने अनधिकृत कालोनियों में रजिस्ट्री और चुनाव में विजयी होने पर गरीब छात्राओं को ई-स्कूटी व साइकिल मुफ्त देने का ऐलान तो किया था, लेकिन यह फार्मूला भी चुनाव में सही तरह से लोगों के बीच पहुंचाने में नाकाम रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण के मुद्दे से भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए रामलीला मैदान में आभार रैली भी की थी। इसमें 11 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर सौंपे गए थे।

अमित शाह-मनोज तिवारी के दावों की हवा निकली
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान से पूर्व गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने 45 से 48 सीटें भाजपा के जीतने का दावा किया था। आखिरी समय पर पार्टी इसी दावे पर डटी रही। मतदान के दिन एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती दिखाई गई थी, जिसे भाजपा ने इग्रोर कर दिया। मतगणना के दिन भी दोपहर तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं थे और बार-बार यही कहते रहे कि भाजपा को अच्छा रिजल्ट मिलेगा, लेकिन दिल्ली के नतीजों ने शाह और तिवारी दोनों के दावों को गलत साबित कर दिया। साथ ही दोनों नेता मतदाताओं की नब्ज पढऩे में एक तरह से विफल भी रहे।

दिल्ली चुनाव के बाद एक सवाल उठता है कि क्या भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली के वोटरों की मानसिकता को न समझकर एक गलत अभियान की योजना बनाई। आक्रामक अभियान का इस्तेमाल किया गया ताकि भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ सके और केजरीवाल के वोट बैंक में सेंध लग सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अरविंद के जरीवाल की पार्टी को बंपर सीटें मिलीं। अब भाजपा आत्मचिंतन और समीक्षा की बात कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है इस बुरी हार के लिए कौन जिम्मेदार होगा। हालांकि तिवारी ने हार की जिम्मेदारी अपने सिर पर लेते हुए इस्तीफे की पेशकश भी कर डाली है, लेकिन अब देखना होगा कि भाजपा इस करारी हार के लिए किसे बलि का बकरा बनाती है।

nanhe kadam hide