Delhi election: जीत को साथ ही AAP की राष्ट्रीय राजनीति में जरूर बढ़ेगी धमक!
दिल्ली में मुद्दों की बात करें तो सर्वे बताते हैं कि बड़े वर्ग ने विकास पर वोट किया और यदि एग्जिट पोल व सर्वे के नतीजे सही साबित हुए तो तय है
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार जीत के लिए बेशक स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हो, लेकिन चुनाव में विजय होने के बाद एक बार फिर वह राष्ट्रीय राजनीति में मजबूती के लिए प्रयास तेज करेगी। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग सबसे ज्यादा सुॢखयों में रहा, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने वोट काम पर मांगने का अपना फार्मूला आजमाया जिसे जनता के बीच पसंद भी किया गया। भाजपा ने इसे बदलने का भरसक प्रयास किया, लेकिन फ्री-बिजली, पानी, बस सुविधा, तीर्थ यात्रा के सहारे केजरीवाल ने गारंटी कार्ड फेंककर तुरूप का पत्ता चल दिया।
राष्ट्रीय राजनीति में वह नरेंद्र मोदी, अमित शाह के धुर विरोधी के तौर पर खड़े दिखते हैं और इस विरोध पर उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ भी मिलता है। पार्टी जानकार मानते हैं कि सीएए सहित राष्ट्रीय मुद्दों पर न सिर्फ आप मुखर होगी, वहीं लोकसभा चुनाव में भी वह संभावित सीटों पर मजबूती से लड़कर संसद में अपनी ताकत बढ़ाएगी यह तय है, लेकिन अगर चुनावी नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे तो वह आंदोलन की पार्टी बनकर सत्तासीन भाजपा और पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ लड़ेगी और यदि विधानसभा त्रिशंकु हुई तो दिल्ली अगले कुछ महीनों में दोबारा चुनाव देख सकती है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।