Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

झारखंड के 12,363 कारोबारियों का ई-वे बिल ब्लॉक

मुख्यालय से सभी अंचल अधिकारियों को सूची भेजी जा रही है, जिससे वे कारोबारियों से बात करके रिटर्न दाखिल करने के लिए कहेंगे। 

जमशेदपुर।  E way bill block of 12 Thousand  traders of Jharkhand वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी या गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के नियमों-प्रावधानों में निरंतर बदलाव हो रहे हैं। इसी कड़ी में झारखंड के 12,363 कारोबारियों (व्यापारी-उद्यमी) का ई-वे बिल ब्लॉक हो गया है।

इन कारोबारियों में 778 करदाता बड़े करदाता हैं। इनका कारोबार पांच करोड़ रुपये से अधिक का है। इतनी बड़ी संख्या में कारोबारियों का ई-वे बिल (रोड परमिट) ब्लॉक होने से इनका कारोबार भी ठप हो गया होगा। झारखंड राज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि राज्य स्तर पर आंकड़ा हमें उपलब्ध कराया गया है, लेकिन प्रमंडल स्तर पर इसकी सूची अभी तैयार नहीं हुई है। संभावना है कि इसमें कोल्हान के करीब दो हजार कारोबारी होंगे।

ये है प्रावधान

उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 में लागू प्रावधान के मुताबिक जो भी कारोबारी लगातार दो माह तक ऑनलाइन रिटर्न दाखिल नहीं करेगा, उसका ई-वे बिल ब्लॉक हो जाएगा। इससे पहले यह प्रावधान था कि जो व्यापारी छह माह तक ऑनलाइन रिटर्न (जीएसटीआर-3बी) दाखिल नहीं करेगा, उसका निबंधन रद हो जाएगा। नए नियम में दो माह तक लगातार रिटर्न दाखिल नहीं करने पर रजिस्ट्रेशन तो कैंसल नहीं होगा, लेकिन व्यापारी ई-वे बिल नहीं निकाल पाएगा। ई-वे बिल के बिना कारोबारी ना कहीं से माल मंगा सकता है, ना भेज सकता है। बिना ई-वे बिल के माल लाने-ले जाने पर भारी जुर्माना लगता है, इसलिए कोई कारोबारी इसके लिए जोखिम नहीं उठाता है। वैसे भी ई-वे बिल के लिए उसे कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, इसलिए परेशानी भी नहीं है। उनका ई-वे बिल रिटर्न दाखिल करते ही खुल जाएगा। यह काम वे कहीं से भी कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें विभाग के दफ्तर में आने की आवश्यकता नहीं है। 

 

विभाग के राजस्व पर भी असर

इतने बड़े पैमाने पर ई-वे बिल ब्लॉक होने से विभाग के राजस्व पर भी असर पड़ेगा। मुख्यालय से सभी अंचल अधिकारियों को सूची भेजी जा रही है, जिससे वे कारोबारियों से बात करके रिटर्न दाखिल करने के लिए कहेंगे।

-संजय कुमार प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), राज्य जीएसटी, जमशेदपुर प्रमंडल।