रांची। लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से जुड़े 139:5 करोड़ रुपये के अवैध निकासी के मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही चल रही है। मंगलवार को सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत को विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने घोटाले के संबंध में कई रोचक जानकारियां दी हैं। सीबीआइ के गवाह आरके दास द्वारा पूर्व में दी गई गवाही का उल्लेख करते हुए कहा कि घोटाले के किंगपिन पशुपालन विभाग के तत्कालीन रीजनल डायरेक्टर श्याम बिहारी सिंह ने एक दिन उन्हें अपने आवास पर बुलाया था।
वे सुबह के समय उनके आवास गए तो बाहर के कमरे में बैठने के लिए बोल गया। कुछ देर बाद लालू प्रसाद यादव और आरके राणा श्याम बिहारी सिंह के बेडरूम से बाहर निकले। उस समय दोनों के हाथ में रुपये से भरा थैला था। जैसे ही लालू प्रसाद की नजर मुझ पर पड़ी, उनके हाथ से रुपये का थैला गिर गया। थैला फटने से रुपया इधर-उधर बिखर गया। हड़बड़ाहट में आरके राणा ने रुपया समेटा और दोनों वापस निकल गए। बीएमपी सिंह ने अदालत में जोर देकर कहा कि जो भी घोटाला हुआ, वह सत्ता के संरक्षण में हो रहा था।
उन्होंने घोटाले में सत्ता और अफसरशाही के गठजोड़ की भूमिका से अदालत को अवगत कराया। चारा घोटाला आरसी47/96 में अभी बहस और चलेगी। अदालत ने बहस के लिए 26 मार्च की तिथि निर्धारित की है। बता दें कि अब तक के सबसे बड़े चारा घोटाले में पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, श्याम बिहारी सिंह सहित 110 नेता व अफसरों पर तलवार लटकी है। बहस पूरी होने के बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी।