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उद्धव सरकार के लिए गंभीर संकट का सबब बनेगा परमबीर का पत्र और वाट्सएप चैटिंग

मुंबई। गठन के बाद पिछले 15 महीनों से किसी न किसी मुद्दे पर विवादों में रहने वाली शिवसेनानीत महाविकास अघाड़ी सरकार के लिए परमबीर सिंह का आठ पेज का पत्र गंभीर संकट का सबब बनने वाला है। भले ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पत्र की प्रमाणिकता को लेकर संदेह जताया हो, लेकिन मुंबई से लेकर दिल्ली तक और पूरे देश में जो सवाल उठ रहे हैं उनके जवाब देने में उद्धव सरकार को लेने के देने पड़ने वाले हैं।

परमबीर की चिट्ठी ने जो ठेस पहुंचाई है उसकी भरपाई उद्धव सरकार के लिए कठिन होगी

परमबीर की चिट्ठी ने सरकार की विश्वसनीयता और कानून व्यवस्था संभालने की काबिलियत को जो ठेस पहुंचाई है उसकी भरपाई उद्धव सरकार के लिए बहुत कठिन होगी। विपक्ष के हमलों की धार कुंद करने को उद्धव सरकार को तत्काल कुछ बड़े कदम उठाने होंगे। ऐसा न करने पर समस्याएं और विकराल होंगी।

शिवसेना के लिए राज्यपाल से संबंध बिगाड़ने की कीमत चुकानी पड़ सकती है

शिवसेना के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से संबंध बिगाड़ने की कीमत चुकानी पड़ सकती है। निश्चित रूप से केंद्र उनसे पूरे मामले पर रिपोर्ट लेगा। यह रिपोर्ट किसी भी स्थिति में तीन पाए पर चल रही उद्धव सरकार को राहत देने वाली नहीं होगी।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी की देशमुख के इस्तीफे की मांग

राज्य में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा तो सरकार पर हमलावर है ही कभी शिवसेना का हिस्सा रहे और वर्तमान में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग कर दी। उन्होंने गृह मंत्री के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की है।

घटनाओं का सिलसिला बहुत दूर तक जाएगा: अमृता फड़नवीस

उधर प्रेट्र के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की पत्नी अमृता फड़नवीस ने ट्वीट कर कहा कि परमबीर के पत्र से घटनाओं का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह बहुत दूर तक जाएगा। आखिर ‘राजा’ को बचाने के लिए कितने लोगों की बलि दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री आठवले ने की महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग

एएनआइ के अनुसार केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने परमबीर प्रकरण के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांग को लेकर सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह के सभी आरोपों की जांच होनी चाहिए। साथ ही इतना बड़ा आरोप लगने के बाद अनिल देशमुख को अपने पद पर रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें तत्काल गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सचिन वझे और शिवसेना की सांठगांठ सामने आने के बाद मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे को भी पद पर बने रहने का हक नहीं रह गया है

एसीपी संजय पाटिल और परमबीर के बीच हुई वाट्सएप चैटिंग 

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने पत्र में वसूली का आरोप साबित करने के लिए सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल के साथ हुई वाट्सएप चैट का जो ब्योरा दिया वह तारीखवार इस प्रकार है..

परमबीर :(16 मार्च 2021, शाम 4.59 बजे): पाटिल, फरवरी में जब आप गृह मंत्री सर और पलांदे से मिले थे तो उन्होंने कितने बार और प्रतिष्ठानों का जिक्र किया था। उन्हें कितनी रकम की उम्मीद है।

परमबीर (16 मार्च, शाम 5.00 बजे) : जल्दी जवाब दें।

पाटिल : (16 मार्च, शाम 5.18 बजे): उन्होंने मुंबई में 1750 बार और प्रत्षि्ठान बताए हैं। हर एक से तीन लाख रुपये वसूलने है। इस तरह हर महीने करीब 50 करोड़ का करोड़ का कलेक्शन होगा।

पाटिल : (16 मार्च, शाम 5.23 बजे) : यह बात पलांदे ने डीसीपी भुजबल के सामने चार मार्च को बताई।

परमबीर : (16 मार्च, शाम 5.25): आप गृह मंत्री से कब मिले थे।

पाटिल :(16 मार्च, 5.26 बजे): चार दिन पहले हुक्का बार को लेकर हुई ब्रीफिंग के सिलसिले में।

परमबीर : (16 मार्च, शाम 5.27 बजे): और सचिन वझे के साथ गृह मंत्री की मीटिंग कब हुई।

पाटिल : (16 मार्च, शाम 5.33 बजे) : सर, मुझे सही तारीख याद नहीं।

परमबीर : (16 मार्च, शाम 7.40 बजे): आपने कहा था कि आपकी मीटिंग से कुछ दिन पहले मुलाकात हुई थी।

पाटिल : (16 मार्च, शाम 8.33 बजे): जी सर, लेकिन यह फरवरी के अंत की बात है।

परमबीर: (19 मार्च, शाम 8.02 बजे) : मुझे कुछ और जानकारी चाहिए।

परमबीर : (19 मार्च, शाम 8.02 बजे) : गृह मंत्री से मुलाकात के बाद वझे क्या आपसे मिला।

पाटिल : (16 मार्च, शाम 8.53बजे) : जी सर, गृह मंत्री से मुलाकात के बाद वझे मुझसे मिला था।

परमबीर : (19 मार्च, शाम 9.01 बजे) क्या उसने बताया कि उसे गृह मंत्री ने क्यों बुलाया था।

पाटिल (19 मार्च. रात 9.12 बजे) : उसने मुझे बताया कि मुंबई के 1750 बार और रेस्टोरेंट से प्रत्येक से तीन लाख की वसूली करनी होगी। जो हर महीने 40 करोड़ के आसपास होगी।

परमबीर : (19 मार्च, रात 9.13 बजे) ओह, यह तो वही बात है जो आपसे भी की गई थी।

पाटिल : (19 मार्च, रात 9.15 बजे) जी, यही बात 4 मार्च को पलांदे ने मुझसे कही थी।

परमबीर : (19 मार्च, रात 9.16 बजे): अरे हां, आप तो चार मार्च को पलांदे से मिले थे।

पाटिल : (19 मार्च, रात 9.17 बजे): जी सर, मुझे बुलाया गया था।

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