नई दिल्ली। मुंबई के अंटीलिया प्रकरण की जांच के बीच मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने अपने एक लेटर से महाराष्ट्र की राजनीति को सुलगा दिया है। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद सियासत तेज हो गई है। चिट्ठी में एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से वसूली करवाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद अनिल देशमुख पर इस्तीफे का दबाव बन गया है।इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी सक्रिय हो गए हैं। शरद पवार दिल्ली में हैं, और उन्होंने एनसीपी के दो बड़े नेताओंं को यहीं तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। वो महाराष्ट्र से दिल्ली आएंगे।
बताया जा रहा है कि एनसीपी नेताओं के बीच अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा की जाएगी। अनिल देशमुख का नाम आने के बाद राज्य की उद्धव सरकार दबाव में आ गई है। विपक्ष की तरफ से अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।
अनिल देशमुख के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन
नागपुर में भाजपा कार्यकर्ता महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि सचिन वझे की वसूली गैंग महाराष्ट्र के गृहमंत्री के लिए हर महीने 100 करोड़ की वसूली करती थी। उद्धव सरकार को पंद्रह महीने हो गए इसलिए सरकार को पंद्रह सौ करोड़ के भ्रष्टाचार का हिसाब देना होगा। वहीं भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने महाराष्ट्र के सीएम और गृहमंत्री का नार्को टेस्ट कराते हुए तुरंत इस्तीफे की मांग की।
जानें- परमबीर के पत्र की बड़ी बातें
-गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फरवरी मध्य में एक दिन क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के एपीआइ सचिन वझे को अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाया।
-कक्ष में उनके निजी सचिव पलांडे सहित स्टाफ के एक-दो लोग और मौजूद थे। उनके सामने देशमुख ने वङो से कहा कि आपको एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे।
-गृह मंत्री ने खुद इसका रास्ता भी बताते हुए कहा कि मुंबई में करीब 1,750 बार एवं रेस्टोरेंट्स जैसे प्रतिष्ठान हैं। इनसे हर महीने दो-तीन लाख रुपये लिए जाएं तो 40-50 करोड़ रुपये आसानी से जमा हो सकते हैं। शेष राशि अन्य स्नोतों से जुटानी होगी।
-इसके दो दिन बाद ही देशमुख ने बार इत्यादि पर नजर रखने वाली सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी भुजबल को अपने सरकारी आवास पर बुलाया।
– गृह मंत्री ने उनसे मुंबई के हुक्का पार्लरों के बारे में चर्चा की और वसूली का वही तरीका उन्हें भी बताया, जो उन्होंने सचिन वझे को बताया था।