नूंह के मुस्लिम परिवारों ने श्रीराम मंदिर के लिए दिल खोलकर दिया दान, हरियाणा में अब तक 55 करोड़ एकत्र
चंडीगढ़। हरियाणा के लोगों ने अयोध्या में जिस तरह बढ़ चढ़कर कारसेवा की थी, उसी तरह भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनवाने में यहां के लोगों ने दिल खोलकर दान दिया है। प्रदेश में करीब 63 लाख परिवार हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कार्यकर्ता इनमें से करीब 42 लाख घरों तक सीधे पहुंचे। प्रदेश के लोगों ने एक रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक मंदिर निर्माण के लिए दान दिया है। मंदिर निर्माण के लिए दिए जाने वाले दान की गिनती की जा रही है, लेकिन मोटे तौर पर करीब 55 करोड़ रुपये इकट्ठा होने का अनुमान है।
भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि इकट्ठा करने को एक राज्य स्तरीय अभियान समिति का गठन किया गया था, जिसके संयोजक राकेश त्यागी (फरीदाबाद) रहे। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव डा. सुरेंद्र जैन और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तमाम बड़े पदाधिकारियों की छत्रछाया में यह अभियान चला। रविवार को रोहतक के खुशबू गार्डन में अभियान समिति की समीक्षा बैठक में हरियाणा से इकट्ठा हुई राशि पर संतोष जाहिर किया गया और साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि यदि लोग अभी भी दान देना चाहें तो वह आनलाइन जमा करा सकते हैं।
हरियाणा के जिला नूंह के लोगों ने भी श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए खासा दान दिया है। अभियान समिति के एजेंडे में हालांकि यह नहीं था कि वह सभी घरों तक दस्तक देगी, लेकिन मेवात के जिन मुस्लिम बाहुल्य घरों में जाने की योजना भी नहीं थी, वहां के लोगों ने भी अपनी श्रद्धा के साथ खुद घर के दरवाजे खोले और स्वेच्छा से निधि प्रदान की। विहिप के राष्ट्रीय सचिव डा. सुरेंद्र जैन इस बदले माहौल को देश-प्रदेश के भाईचारे के लिए बेहद सुखद मानते हैं।
डा. सुरेंद्र ने नूंह जिले के गांव पल्ला का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि करीब 300 परिवारों वाले इस गांव में हिंदुओं की संख्या मात्र 15 फीसद है, लेकिन अधिकतर मुस्लिम परिवारों ने मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से योगदान दिया है। कार्यकर्ताओं को यह देखकर बेहद सुखद लगा। किसी में कहीं कोई भय नहीं था। दान देते वक्त हिंदू या मुस्लिम की भावना भी किसी के चेहरे पर देखने को नहीं मिली। जब पर्ची काटने में दिक्कतें होने लगी तो कुछ मुस्लिम युवाओं ने अभियान समिति के सदस्यों का सहयोग किया। यह बहुत अच्छी बात है। अब ऐसा साफ लग रहा था कि श्रीराम ही मेवात के हिंदू समाज के उत्साह को बढ़ाएंगे, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान होगा।
डा. सुरेंद्र ने नूंह जिले के गांव पल्ला का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि करीब 300 परिवारों वाले इस गांव में हिंदुओं की संख्या मात्र 15 फीसद है, लेकिन अधिकतर मुस्लिम परिवारों ने मंदिर निर्माण के लिए स्वेच्छा से योगदान दिया है। कार्यकर्ताओं को यह देखकर बेहद सुखद लगा। किसी में कहीं कोई भय नहीं था। दान देते वक्त हिंदू या मुस्लिम की भावना भी किसी के चेहरे पर देखने को नहीं मिली। जब पर्ची काटने में दिक्कतें होने लगी तो कुछ मुस्लिम युवाओं ने अभियान समिति के सदस्यों का सहयोग किया। यह बहुत अच्छी बात है। अब ऐसा साफ लग रहा था कि श्रीराम ही मेवात के हिंदू समाज के उत्साह को बढ़ाएंगे, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान होगा।
राज्य स्तरीय अभियान समिति के संयोजक राकेश त्यागी के अनुसार अगले एक-दो दिन में पूरा आंकड़ा सामने आ जाएगा, लेकिन मोटे तौर पर 41 लाख 53 हजार 271 परिवारों ने भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए 52 करोड़ 38 लाख रुपये जमा कराए हैं। यह अभियान अधिकृत रूप से बंद हो चुका है, लेकिन अभी भी लोग दान दे सकते हैं।
हमने दरवाजा नहीं खटखटाया फिर भी मिला दान
राकेश त्यागी के अनुसार हमें यह निर्देश थे कि रामभक्त परिवारों के यहां जाना है। हमने मुस्लिम भाइयों के घरों का दरवाजा नहीं खटखटाया, लेकिन हमारे लिए यह सुखद है कि उन्होंने स्वयं आकर दान दिया। फिर हमने ऐसे परिवारों के यहां स्वयं भी दस्तक दी। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का उद्देश्य है जो आज हमारा है वो तो है ही, जो रह गए हैं, कल उन्हें भी अपना बनाना है।