दिल्ली पुलिस ने शनिवार को 26 जनवरी हिंसा में शामिल 20 और लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। दिल्ली पुलिस इनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। इससे पहले शनिवार को ही दिल्ली पुलिस ने 200 लोगों की तस्वीरें जारी की थीं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने सभी की तलाश तेज कर दी है।
बता दें कि 26 जनवरी को नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया था। जिसमें कुछ उपद्रवी टैक्टर समेत ऐतिहासिक लालकिला परिसर में पहुंच गए और पोल पर निशान साहिब का झंडा लहरा दिया था, यहां उपद्रवियों ने दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ मारपीट भी की।
दीप सिद्धू हुआ गिरफ्तार
हिंसा में पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू का नाम सबसे प्रमुख था। दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस ने हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच लगातार दीप सिद्धू से पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच की टीम उसको लेकर घटनास्थल पर भी पहुंची और जानकारी हासिल की। इसके अलावा एक और उपद्रवी इकबाल सिंह को भी क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। लालकिले की हिंसा में अब तक पांच से अधिक आरोपियों को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम गिरफ्तार कर चुकी है। बाकी लोगों की तलाश जारी है।
लक्खा सिधाना दिल्ली पुलिस की पहुंच से बाहर
लालकिला हिंसा में एक और आरोपी लक्खा सिधाना अभी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की पकड़ से बाहर है। हाल ही में लक्खा सिधाना ने फेसबुक पर वीडियो के जरिए किसानों के नाम एक संदेश जारी किया था। जिसमें सिधाना ने कहा कि वह पांच मार्च को किसानों के समर्थन में रैली करेगा।
किसान नेता ने दिया विवादित बयान
वहीं, बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान अगर आपके गांवों में किसी को गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका ‘घेराव’ करें और उन्हें तब तक नहीं जाने दें जब तक कि जिला प्रशासन आश्वासन नहीं देता कि उन्हें गांवों में आने के लिए फिर अनुमति नहीं दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत द्वारा पंजाब और हरियाणा में ‘महापंचायतों’ का आयोजन करने का हवाला देते हुए चढूनी ने कहा कि दोनों राज्यों में ऐसे आयोजनों की जरूरत नहीं है। हरियाणा बीकेयू के नेता ने लोगों से पुलिसकर्मियों को वस्तुत: बंधक बनाने की अपील करते हुए यह विवादास्पद बयान दिया। वह राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की ओर इशारा कर रहे थे।
चढूनी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस के कर्मी अगर छापेमारी करते हैं और किसी को पकड़ने आते हैं तो उनका घेराव किया जाना चाहिए, वहां बैठाया जाना चाहिए और पूरे गांव एवं आसपड़ोस को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाना चाहिए जब तक कि जिला प्रशासन यह आश्वासन नहीं देता कि दिल्ली पुलिस आपके गांव, जिले में फिर से प्रवेश नहीं करेगी।” एक अन्य वीडियो संदेश में चढूनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र के कृषि से जुड़े कानूनों से अवगत हैं और इन दोनों राज्यों में ‘पंचायत’ आयोजित करने की जरूरत नहीं है।