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Toolkit case: क्या दिशा, निकिता व शांतनु को हुई विदेश से फंडिंग?, बैंक खाते किए जाएंगे सीज

नई दिल्ली। कृषि कानून विरोधी आंदोलन की आड़ में दिल्ली में उपद्रव करने व टूलकिट के जरिए देश में हिंसा फैलाकर सरकार की छवि खराब करने की साजिश के पीछे देश-विदेश से बड़े पैमाने पर फंडिंग किए जाने की अंदेशा जताई जा रही है। पुलिस को शक है कि टूलकिट तैयार करने वाले आरोपितों को कनाडा व अन्य देशों से भारत को बदनाम करने के लिए पैसा मिला था। इसलिए दिल्ली पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद फंडिंग के एंगल से जल्द जांच शुरू करेगी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, निकिता जैकब, दिशा रवि व शांतनु मुलुक समेत अन्य सभी आरोपितों के बैंक खातों की विस्तृत जांच की जाएगी। एक साल के दौरान इनके खातों में आए पैसों की जांच की जाएगी।

आरोपितों के बैंक खाते किए जाएंगे सीज

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद इनके बैंक खाते सीज किए जाएंगे। इनके प्रदर्शनकारी नेताओं के संपर्क को भी खंगाला जाएगा कि कैसे सभी एक-दूसरे के संपर्क में आए। वहीं, मैरीना पैटर्सन के बारे में जानकारी मिली है कि वह मो धालीवाल के फर्म में रिलेशनशिप मैनेजर है।

ऐसे संपर्क में आए

पुनीत, मो धालीवाल की करीबी है। धालीवाल के कहने पर पुनीत ने निकिता से संपर्क किया। निकिता, दिशा व शांतनु एक दुसरे से जुड़े थे। थिराका, पुनीत की करीबी है वह सीधे उससे जुड़ी थी। दिशा, ग्रेटा थनबर्ग से जुड़ी थी।

टूलकिट का नाम रखा था कॉम्स पैक

आरोपितों ने टूलकिट को कॉम्स पैक यानी कम्यूनिकेशन पैकेज करके कोड नाम रख रखा था। सभी एक दूसरे से बातचीत में पूछते थे कि कॉम्स पैक का क्या हुआ, उसमें किसी ने कुछ संपादित तो नहीं किया है। कॉम्स पैक किसके पास है। पुलिस का कहना है कि ये सभी जुझारू प्रवृत्ति के हैं कि जो करना है वो करना है।