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नई दिल्ली। कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन (KDEM) 2025 तक राज्य में दस लाख नौकरियों का सृजन करेगा। यह नौकरियां सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में होंगी। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सी एन अश्वथ नारायण ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इलेक्ट्रॉनिक और आईटी-बीटी पोर्टफोलियो में नारायण ने कहा कि 2025 तक KDEM दस लाख नौकरियों का सृजन करेगा, इससे कर्नाटक को आईटी निर्यात में 150 बिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उप मुख्यमंत्री कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे, जिसका उद्देश्य जीएसडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान को 30 फीसद तक बढ़ाना और ‘बियॉन्ड बेंगलुरु’ रिपोर्ट को लॉन्च करना है।
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उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के दूरदराज के हिस्सों में भी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने, चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा स्थापित करके ग्रामीण-शहरी विभाजन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
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नारायण ने राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में केडीईएम की बड़ी भूमिका की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती थी कि केडीईएम अधिक उद्योग के अनुकूल हो और इसे ध्यान में रखते हुए उसने उद्योग संघों के लिए 51 फीसद हिस्सेदारी की अनुमति दी है, जबकि वह अपने लिए 49 फीसद की कम हिस्सेदारी रखता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी/बीटी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ईवी रामना रेड्डी के अनुसार, आईटी क्षेत्र जीएसडीपी का 25 फीसद योगदान देता है, जिसमें अकेले बेंगलुरु के 98 फीसद खाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ‘बियॉन्ड बेंगलुरु’ परियोजना शुरू की गई है
अधिकारियों के अनुसार, केडीईएम \सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर स्थापित किया गया है, जहां उद्योग संगठन जैसे नैस्कॉम, द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम), इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए), और विजन ग्रुप स्टार्टअप- की 51 फीसद हिस्सेदारी है।