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देहरादून। Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy Rescue Operation चमोली जिले में तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए लगातार तीसरे दिन मंगलवार को भी आपरेशन जारी रहा। पूरे दिन टनल से महज 50 मीटर मलबा हटाने के बाद अभी तक रेस्क्यू टीम टनल के भीतर 150 मीटर दूरी तक पहुंच सकी है। 180 मीटर दूर टी-प्वाइंट पर फंसे व्यक्तियों को बचाने के लिए अब वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है।
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लगातार तीन दिन से टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए टनल के बराबर फ्लशिंग टनल में ड्रिल कर आक्सीजन की आपूर्ति और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के बचाव दल को पहुंचाने की संभावनाएं खंगाली जा रही हैं। बुधवार तक टी-प्वाइंट तक रेस्क्यू टीम के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। नेवी के कमांडो (मार्कोस) भी ऋषिगंगा, धौलीगंगा और अलकनंदा में लापता व्यक्तियों के सर्च आपरेशन में जुट गए हैं। भारत-चीन सीमा पर रैणी स्थित पुल टूटने से कट गए 13 गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई गई। संपर्क मार्ग नहीं होने से अन्य स्थानों पर फंसे 126 ग्रामीणों को हेलीकाप्टर से रैणी गांव पहुंचाया गया। नीति घाटी में तीसरे दिन संचार सेवाएं बहाल कर दी गईं। मंगलवार को छह और शव मिलने के बाद इनकी संख्या 32 तक पहुंच गई। इनमें आठ की पहचान कर ली गई है, जिनमें दो पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। लापता व्यक्तियों की संख्या 171 से बढ़कर 174 हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को रैणी व लाता गांव जाकर राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने आइटीबीपी अस्पताल पहुंचकर आपदा में घायलों का हाल-चाल जाना। उत्तरप्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों सुरेश राणा व डॉ धर्म सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आपदा प्रभावितों की मदद को 11 करोड़ दिए हैं।
सीमांत जिले चमोली के रैणी गांव के समीप ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में जिंदगियों को सुरक्षित बचाने की जंग मंगलवार को तीसरे दिन जारी रही। तपोवन-विष्णुगाड की टनल में फंसे व्यक्तियों तक पहुंचने में रेस्क्यू टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। मलबे से अटी पड़ी टनल में एक घंटे में बामुश्किल पांच से 10 मीटर तक सफाई हो पा रही है। ऐसे में फंसे व्यक्तियों तक पहुंचने में देर हो रही है। इस समस्या से निबटने को वैकल्पिक रास्तों को तलाश किया जा रहा है। आइटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ सेना की टीम रेस्क्यू आपरेशन को अंजाम दे रही हैं। नेवी कमांडो मार्कोस को आसपास के नदी क्षेत्रों में लापता व्यक्तियों की तलाश में लगाया गया है। वहीं वायुसेना के हेलीकाप्टरों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण तेज कर दिया। आइटीबीपी के दल ने छह किमी पैदल चलकर प्रभावित क्षेत्रों तक रसद पहुंचाई।
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आपदा में लापता व्यक्तियों की संख्या 206 तक पहुंची है। 32 शव में से आठ की ही शिनाख्त हो गई है। मंगलवार को मानव शरीर के पांच अंग मिले। अब तक ऐसे 10 अंग मिल चुके हैं। पहचान के लिए इनकी डीएनए जांच कराई जाएगी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी रिद्धिम अग्रवाल के मुताबिक टनल में रेस्क्यू आपरेशन जारी है। रेस्क्यू टीम के बुधवार तक टी प्वाइंट तक पहुंचने की संभावना है।
इनकी हुई शिनाख्त:
पुलिस कांस्टेबल बलवीर गडिय़ा (ग्राम गाड़ी, चमोली), हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी (ग्राम बैनोली, कर्णप्रयाग), राहुल कुमार (ग्राम रावली, हरिद्वार), अजय शर्मा (ग्राम गणेशपुर, अलीगढ़ उप्र), नरेंद्र लाल खनेड़ा (ग्राम तपोवन, जोशीमठ), जितेंद्र थापा (लच्छीवाला, डोईवाला), अवधेश (इच्छानगर मांझा, लखीमपुर खीरी उप्र), दीपक कुमार टम्टा (ग्राम भतीड़ा, बागेश्वर)।