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बेंगलुरु। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के उप महानिदेशक एके सिंह ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानून बड़े पैमाने पर किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार होंगे। बिचौलियों के नहीं रहने से मुनाफा का एक बड़ा हिस्सा किसानों के हिस्से में आएगा। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर यह बयान बहुत अहम है।
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नए कृषि कानूनों में बिचौलियों के लिए जगह नहीं
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एके सिंह आइसीएआर की तरफ से यहां आयोजित पांच दिवसीय वार्षिक राष्ट्रीय बागवानी मेले 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों में बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं है, इससे किसानों को उनके उत्पाद पर लाभ का बड़ा हिस्सा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों में बागवानी क्षेत्र को लेकर भी बहुत संभावनाएं हैं और आने वाले समय में किसानों को उनकी उपज की बहुत अच्छी कीमत मिलेगी।
पांच साल में बागवानी उत्पादन के अनाज उत्पादन से आगे निकल जाने की संभावना
सिंह ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार की सक्रिय नीतियों और किसानों के प्रयासों से अगले पांच साल में बागवानी उत्पादन के अनाज उत्पादन से आगे निकल जाने की संभावना है।
आइसीएआर ने स्थायी खेती के तरीकों को बढ़ावा दिया : महापात्रा
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि आइसीएआर ने प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से स्थायी खेती के तरीकों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि परिषद ने 12 राज्यों के अनुकूल आर्गेनिक खेती की 51 प्रणाली विकसित की है।
महापात्रा ने डाटा का विश्लेषण करने की क्षमता बढ़ाने पर दिया जोर
महापात्रा ने बताया कि आइसीएआर के विभिन्न संस्थानों और 18 राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों और कृषक समुदायों को साथ लाते हुए 63 एकीकृत कृषि प्रणाली विकसित की गई है। उन्होंने महज डाटा एकत्र करने की जगह डाटा की व्याख्या और डाटा का विश्लेषण करने की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।