गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ टिकटों की मारामारी, कांग्रेस के घोषित उम्मीदवारों का विरोध
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अहमदाबाद। गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों में टिकटों की मारामारी शुरू हो गई है। कांग्रेस में सूरत अहमदाबाद में पार्टी के घोषित प्रत्याशियों का विरोध होने लगा है वही कांग्रेस में महानगरपालिका के टिकट बेचे जाने का भी आरोप लग रहा है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव निकाय चुनाव को लेकर गुजरात में डेरा जमाए हुए हैं तथा कांग्रेस नेताओं के साथ निजी फार्म हाउस पर पार्टी की बैठकें कर पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन कर रहे हैं। अहमदाबाद तथा सूरत में कांग्रेस के घोषित उम्मीदवारों का विरोध भी शुरू हो गया है।
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बताया जा रहा है कि अहमदाबाद से कांग्रेस विधायक हिम्मत सिंह पटेल, विधायक शैलेश परमार, विधायक ग्यासुद्दीन शेख, विधायक इमरान खेड़ावाला सहित कई बड़े नेता अपने करीबियों को टिकट दिलाने का दबाव बना रहे हैं। उनके विरोधी गुट महानगरपालिका के पूर्व नेता विपक्ष दिनेश शर्मा के समर्थक पार्टी के घोषित प्रत्याशियों का विरोध भी करने लगे हैं। एनएसयूआई तथा युवक कांग्रेस के नेता अमित राजपूत के नाम से इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र भी वायरल हुआ है जिसमें कांग्रेस के टिकट दो से 8 लाख रुपए में बेचे जाने का आरोप लग रहा है।
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हालांकि राजपूत ने मीडिया के समक्ष आकर अपने नाम से वायरल पत्र से किसी तरह का संबंध होने से इनकार किया। राजपूत ने इस पत्र के वायरल होने की जांच की मांग भी की है। कांग्रेस मंगलवार शाम को बचते बचाते अहमदाबाद के 38 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी इससे पहले सूरत वडोदरा राजकोट जामनगर तथा भावनगर के करीब सवा सौ उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। सूरत में वार्ड 17 से घोषित कांग्रेस के उम्मीदवार धीरू लाठिया का विरोध शुरू हो गया। वडोदरा में वार्ड 1 से उम्मीदवार अमी राजपूत को लेकर भी कांग्रेस का एक धड़ा नाराज है। कांग्रेस में टिकटों की मारामारी के चलते प्रदेश आलाकमान भी चिंता में है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी का कहना है कि कांग्रेस को बदनाम करने के लिए भाजपा की ओर से इस तरह का पत्र वायरल किया गया है। भाजपा का आईटी सेल हर चुनाव से पहले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए इस तरह की हरकतें करता है। दोषी का यह भी कहना है कि कुछ लोग अपनी महत्वाकांक्षा तथा येन केन प्रकारेण टिकट पाने की लालसा में विरोधी पार्टी का मोहरा बन जाते हैं।
उधर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर ऐसी चर्चा शुरू हो गई है की हर चुनाव में कांग्रेस में टिकट वितरण में अनियमितता अथवा धांधली के आरोप क्यों लगते हैं। गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव के तहत 21 फरवरी को छह महानगरपालिका के लिए मतदान होना है। इसके बाद 31 जिला पंचायत तथा 131 तहसील पंचायतों के चुनाव होने हैं। करीब आठ एक नगर पालिकाओं के चुनाव भी इन्हीं के साथ होंगे। चर्चा है कि कांग्रेस को अपने पार्टी नेता तथा कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते बैठक का स्थल भी बदलना पड़ रहा है। इससे पहले भी कई बार चुनावों में कांग्रेस के टिकट बेचे जाने तथा उम्मीदवारों को फोन पर ही प्रत्याशी नामित करने की प्रक्रिया अपनाई जा चुकी है।