मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के आह्वान पर दिन निकलते ही किसानों ने गांव देहात से शहर की ओर कूच करना शुरू कर दिया। घने कोहरे के बीच सुबह 10:30 बजे से किसान राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में पहुंचना शुरू हो गए। वहीं पुलिस प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हैं। मैदान को छावनी में तब्दील किया गया है। मुख्य मार्गो पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
चौधरी नरेश टिकैत 11:30 बजे किसानों के साथ सिसौली से शहर की ओर रवाना होंगे। महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल होंगी। महिलाओं ने रवाना होने से पहले सिसौली स्थित किसान भवन पर पहुंचकर बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की समाधि पर पहुंचकर नमन किया। संकल्प लिया कि किसानों की इस लड़ाई में वह भी बराबर की भागीदार रहेंगी।महापंचायत में रालोद से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद है। वहीं जयंत चौधरी के आने की भी संभावना जताई जा रही है। महापंचायत को लेकर खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। सुबह के समय उच्चाधिकारियों ने चौधरी नरेश टिकैत से फोन पर बातचीत की। आईबी के दो अधिकारी सिसौली में चौधरी नरेश टिकैत से मिले और बातचीत की।
इसके पूर्व गुरुवार को दिन में गाजीपुर बार्डर से धरना उठाने की बात कहने वाले चौधरी नरेश टिकैत ने रात को फिर से किसान पंचायत बुलाई और एलान किया कि शुक्रवार को जीआइसी मैदान में पंचायत कर अगला निर्णय लिया जाएगा। गुरुवार शाम को चौधरी नरेश टिकैत ने सिसौली के किसान भवन में कहा कि कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर लगभग दो माह से चल रहा धरना उठा लिया जाएगा। हालांकि देर शाम भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का रोते हुए वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ।
इसमें चौधरी राकेश टिकैत कह रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद न किया गया तो वह आत्महत्या कर लेंगे। चौधरी राकेश टिकैत के इस बयान के बाद सिसौली समेत आसपास के क्षेत्र में असमंजस पैदा हो गया। इसके बाद रात करीब नौ बजे भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने आपात किसान पंचायत बुला ली। इसमें उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दिन में 11 बजे सभी लोग मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान में जुटेंगे। किसान आंदोलन में आगे की रणनीति पर वहीं निर्णय लिया जाएगा।
चौधरी टिकैत ने कहा कि रात में गाजीपुर बार्डर पर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। बगैर जांच पूरी हुए यदि गिरफ्तारी की गई तो हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में नहीं लेते, लेकिन सरकार ऐसा करने को मजबूर कर रही है। पंचायत में रालोद के पूर्व विधायक राजपाल बालियान ने भी समर्थन का आश्वासन दिया।