औवैसी की पार्टी के UP में चुनाव लड़ने पर साक्षी महाराज ने कसा तंज, बोले-बिहार की तरह ही हमारी मदद करेंगे
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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता तथा उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज ने अंग ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना पर बड़ा बयान दिया है। साक्षी महाराज ने कहा कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में आने को भले ही बेकरार है, लेकिन वह तो हमारे ही मदद में खड़े रहेंगे। उनके आगमन से भाजपा को ही लाभ होगा।
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साक्षी महाराज ने कहा कि बिहार में पांच सीटने वाले ओवैसी ने बिहार में भाजपा की मदद की। अब वह पश्चिम बंगाल में भी भाजपा के मददगार साबित होंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के चुनाव होंगे और वह फिर अपनी भूमिका में आ जाएंगे। साक्षी महाराज ने कहा कि एआईएमआईएम चीफ असुदुद्दीन ओवैसी को लेकर कहा कि वह उत्तर प्रदेश में छोटे दलों के साथ आने को आतुर है, अपनी इस योजना को भी वह आजमा लें।
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65 वर्ष से हिंदुस्तान के मुसलमानों को तुष्टीकरण के आधार पर डराया गया
असदुद्दीन ओवैसी के पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरों के बारे में साक्षी महाराज ने कहा कि यह तो काफी अच्छा है कि वह भीड़ एकत्र कर रहे हैं। बड़ी मेहरबानी, भगवान उनको ताकत और खुदा उनका साथ दे। साक्षी महाराज ने कहा कि ओवैसी समझ रहे हैं कि वह मुसलमानों के रहनुमा हैं। उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों का भी विश्वास जीतने में लगे हैं। 65 वर्ष से हिंदुस्तान के मुसलमानों को तुष्टीकरण के आधार पर डराया गया। मुझे लगता है कि आज मुसलमानों को समझ में आ गया है वास्तव में हमारी हितैषी पार्टी भारतीय हितैषी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है, तो बड़ी संख्या में मुसलमान धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी में जुड़ रहा है। साक्षी महाराज ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के मुसलमानों के हित में कई फैसलों के कारण अब 65 वर्ष पुराना माहौल बदल गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। उनके मैदान में आने पर ही भाजपा को फायदा पहुंचने की बातें कही जा रही थीं। सीमांचल के जिन इलाकों में महागठबंधन का खासा जोर रहता है वहां ओवैसी ने न सिर्फ कई सीटें जीती बल्कि कई सीटों पर राजद और कांग्रेस के हाथों से जीत छीन ली। इसी कारण कहा जा रहा है कि बिहार में ओवैसी के कारण महागठबंधन बहुमत से दूर रह गया और एनडीए को दोबारा सत्ता हासिल करने में मदद मिली। इस दौरान कई लोगों ने ओवैसी को भाजपा की ही बी टीम भी कहा था।