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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था से न्यायाधीशों के साथ-साथ वकील भी खासे परेशान हैं। 23 मार्च से शुरू हुई इस व्यवस्था के कारण कोर्ट में बहुत सारे मामले भी लंबित हो गए हैं। वर्चुअल सुनवाई के दौरान आनेवाली दिक्कतों को लेकर अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखा और इस व्यवस्था की समीक्षा की आवश्यकता जताई है।
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अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पत्र में सुनवाई के दौरान होनेवाली दिक्कतों का जिक्र किया है। अटार्नी जनरल के कार्यालय ने इस तरह का पत्र लिखे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान आने वाली तकनीकी गड़बडि़यों के लिए उनकी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई है। एनआइसी ने आश्वस्त किया है कि वे पूरी व्यवस्था की जांच करेंगे।
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बता दें कि वकील भी समय-समय पर इस व्यवस्था के दौरान होनेवाली दिक्कतों के बारे में शीर्ष कोर्ट से शिकायत करते रहते हैं। अकसर कभी स्क्रीन गायब हो जाती है, तो कभी आवाज बंद हो जाती है। कभी सुनवाई के दौरान आवाज स्पष्ट सुनाई नहीं देती। पांच जनवरी को न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ के सम्मुख जब अटार्नी जनरल पेश हो रहे थे तो उनकी आवाज बंद हो गई। इसी तरह की पहले भी कई बार तकनीकी गड़बडि़यां हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि महामारी के दौरान नागरिकों को न्याय उपलब्ध कराने में वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था काफी सफल रही है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाई कोर्टों को अपने यहां और अधीनस्थ अदालतों में वर्चुअल सुनवाई के लिए नियम बनाने की छूट दी थी। अदालत ने कहा था कि ज्यादातर हाई कोर्टों ने पहले ही अपने नियम बना लिए हैं, जिन हाई कोर्टों ने नहीं बनाए हैं वे नए नियमों के बनने तक सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी द्वारा उपलब्ध कराए गए नियमों को अपना सकते हैं।