वार्ता बेनतीजा रहने पर राहुल ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- सर्दी में ठिठुरते किसानों की सरकार को परवाह नहीं
नई दिल्ली। किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के लिए कांग्रेस ने सीधे तौर पर सरकार के अड़ियल रवैये को जिम्मेदार बताते हुए किसानों के रुख को सही ठहराया है। सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए पार्टी ने कहा कि अपनी जिद के आगे उसे ठंड में ठिठुरते और मरते हुए किसानों की कोई फिक्र नहीं है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वार्ता की अगली तारीख देने को लेकर सरकार पर वार करते हुए ट्वीट में कहा, नीयत साफ नहीं है जिनकी, तारीख पर तारीख देना स्ट्रैटेजी है उनकी।
राहुल ने लोगों से किसानों के समर्थन में जुटने का किया आग्रह
कृषि कानूनों को रद करने से कम पर किसानों के समझौता नहीं करने के रुख को सही ठहराते हुए राहुल ने एक अन्य ट्वीट में लोगों से किसानों के समर्थन में जुटने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता ने कहा, मोदी सरकार ने पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए देश के अन्नदाता किसान के साथ विश्वासघात किया है। आंदोलन के माध्यम से किसान अपनी बात कह चुके हैं। अन्नदाताओं की आवाज उठाना और उनकी मांगों का समर्थन करना हम सबका कर्तव्य है।
राहुल ने कहा- शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है
किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन को सही ठहराते हुए राहुल ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन-भाई जो आंदोलन कर रहे हैं, उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है।
सुरजेवाला ने कहा- अन्नदाता को थका रही सरकार, पर किसान न थकेगा, न झुकेगा, न रुकेगा
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने वार्ता के किसी मुकाम पर नहीं पहुंचने के लिए सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि मोदी सरकार भारत के इतिहास में सबसे अमानवीय, अहंकारी और निष्ठुर साबित हुई है। उसे न तो ठंड में दम तोड़ते किसान नजर आ रहे हैं और न ठप होती अर्थव्यवस्था। किसानों के साथ बैठक-बैठक खेलकर वह अन्नदाता को थकाने की कोशिश कर रही है। पर किसान न थकेगा, न झुकेगा, न रुकेगा।
प्रियंका गांधी ने कहा- किसान अपनी वर्षों की मेहनत का हक लूटने से रोकने के लिए डटे हैं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वार्ता बेनतीजा रहने के बाद लिखे फेसबुक पोस्ट में कहा कि किसानों को आशा थी कि भाजपा सरकार अपनी कथनी के अनुसार किसानों का कुछ सम्मान तो करेगी, लेकिन हुआ इसके उलट और इसको लेकर किसान सरकार से नाराज हैं। प्रियंका ने कहा कि किसान अपनी वर्षों की मेहनत का हक लूटने से रोकने के लिए डटे हैं। इसीलिए आज देश को सोचना होगा कि कृषि कानून किसानों के खेत से बनेंगे या भाजपा सरकार के चंद अरबपति मित्रों के ड्राइंग रूम में।
प्रियंका ने कहा- तीनों कानूनों को वापस लेने के अलावा समाधान का कोई दूसरा रास्ता नहीं
किसानों की मांग को जायज बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि तीनों कानूनों को वापस लेने के अलावा समाधान का कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इससे पहले प्रियंका ने कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे पंजाब के कांग्रेस सांसदों से मुलाकात कर उनका हौसला भी बढ़ाया था।