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नई दिल्ली/लंदन। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और उनके पति मयंक मेहता सरकारी गवाह बन गए हैं। पूर्वी और मयंक 579 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मदद करेंगे। उधर ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी के वकील ने ब्रिटिश अदालत में विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के मामले में दिए फैसले का हवाला देते हुए भगोड़े हीरा कारोबारी के भारत को प्रत्यर्पित नहीं किए जाने की दलील दी।
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नीरव की मानसिक दशा का हवाला दिया
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मालूम हो कि नीरव मोदी अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ पंजाब नेशनल बैंक में 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला करके फरार हो गया था। उसे लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा है। अब सीबीआइ भारत लाकर उस पर मुकदमा चलाने के लिए प्रयास कर रही है। लंदन की कोर्ट में इस आशय का मुकदमा चल रहा है। मामले की दो दिन की अंतिम बहस में गुरुवार को वकील क्लेयर मॉन्टगुमरी ने एक बार फिर अपने मुवक्किल नीरव मोदी की मानसिक दशा का हवाला दिया।
नीरव में आत्महत्या वाली सोच की दलील
इससे पहले वकील क्लेयर मॉन्टगुमरी नीरव में आत्महत्या वाली सोच का भी जिक्र कर चुके हैं। इस बार उन्होंने जूलियन असांजे को मिली राहत का जिक्र करते हुए नीरव के लिए भी वैसी ही रियायत की मांग की। जबकि भारतीय एजेंसियों की ओर पैरवी कर रही ब्रिटेन की क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने इस तर्क का विरोध किया। कहा कि नीरव के मामले में मानसिक स्वास्थ्य का आधार पहले ही नकारा जा चुका है।
भारत सरकार ने दी है यह दलील
नीरव गुरुवार को दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के माध्यम से वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही सुनवाई में शामिल हुआ। भारत सरकार नीरव को हर तरह की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन कोर्ट को दे चुकी है। इसलिए इस बिंदु पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। कोरोना संक्रमण के चलते लंदन में लॉकडाउन के बीच डिस्टि्रक्ट जज सैम्युएल गूजी की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इसमें संबंधित पक्षों ने ऑनलाइन मौजूदगी दर्ज कराई।
सरकारी गवाह बने नीरव के बहन-बहनोई
इस बीच पीएनबी मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और उनके पति मयंक मेहता सरकारी गवाह बन गए हैं। नीरव की छोटी बहन 47 वर्षीय पूर्वी बेल्जियम की नागरिक हैं जबकि उनके पति मयंक ब्रिटिश नागरिक हैं। वे विदेश में रहते हैं और बताते हैं कि वे कभी इस मामले की जांच में शामिल नहीं हुए। बैंक धोखाधड़ी मामले में पूर्वी को आरोपित के तौर पर शामिल किया गया है और ईडी व सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) इस मामले में कई आरोप पत्र दाखिल कर चुके हैं।
पूर्वी की संपत्तियों को ईडी कर चुकी है फ्रीज
स्विस बैंक में कुछ जमा रकम समेत पूर्वी की संपत्तियों को ईडी पूर्व में फ्रीज कर चुकी है, लेकिन पूर्वी ने अदालत को सूचित किया था कि उनके नाम पर एजेंसी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में उनका कोई लाभकारी हित नहीं था। ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पूर्वी और मयंक न्यूयार्क में दो फ्लैट, लंदन व मुंबई में एक-एक फ्लैट के अलावा स्विस बैंक के दो खातों और मुंबई में एक बैंक खाते में जमा राशि को जब्त करवाने में मदद करेंगे।
इंटरपोल ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की मुंबई स्थित विशेष अदालत ने दोनों की इस मामले में सरकारी गवाह बनने की याचिका स्वीकार कर ली थी। क्षमादान के लिए दाखिल इस आवेदन में पूर्वी का कहना था कि वह पहली नजर में आरोपित नहीं हैं और जांच एजेंसी ने उनकी सीमित भूमिका बताई है। सभी जरूरी जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराकर उन्होंने इस जांच में ईडी के साथ पूरा सहयोग किया है। बता दें कि 2018 में ईडी ने पूर्वी के खिलाफ इंटरपोल का वैश्विक गिरफ्तारी वारंट भी जारी करवाया था।