पांच राज्यों में बर्ड फ्लू, केंद्र ने राज्यों को किया सतर्क, अभी किसी व्यक्ति के प्रभावित होने का खतरा नहीं
नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इसके प्रसार को रोकने के लिए सतर्क कर दिया है। सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही देश में आने वाले विदेशी प्रवासी पक्षियों के मार्फत बर्ड फ्लू के वायरस के पहुंचने की आशंका व्यक्त की गई है। केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में इसके वायरस के पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हरियाणा में हजारों पक्षियों के मरने की सूचना के बाद वहां के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है।
किसी व्यक्ति के प्रभावित होने का खतरा नहीं
केंद्रीय पशुधन, डेयरी, पोल्ट्री व मस्त्य विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि बर्ड फ्लू से अभी किसी व्यक्ति के प्रभावित होने का खतरा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पका हुआ चिकन व उबला अंडा खाने से बर्ड फ्लू नहीं फैलता है। यह पूरी तरह सुरक्षित है। उधर, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए पांच राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की बात कही है।
साल 2006 के बाद देश पर दूसरा हमला
मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजे दिशानिर्देश में कहा है कि अपने यहां चिडि़यों व मुर्गियों की असामान्य रूप से मौत को गंभीरता से लें, ताकि बर्ड फ्लू की आशंका से निपटने में मदद मिले। चतुर्वेदी ने कहा कि 2006 के सितंबर से भारत बर्ड फ्लू मुक्त देश घोषित हो चुका था, उसके बाद यह पहली बार हुआ है।
कुल 12 जगहों पर हुई घटनाएं
पक्षियों की असामान्य मौत की घटनाएं कुल 12 स्थनों पर हुई हैं। इनमें राजस्थान के बारां, कोटा, झालावाड़ और मध्य प्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा क्षेत्र प्रमुख हैं, जहां कौवों की मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के मरने की सूचना है। केरल के कोट्टायम व अलापुआ में मुर्गियों व बत्तख के प्रभावित होने की खबर है।
केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित
एवियन इन्फ्लूएंजा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी है, जहां से सभी प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। चतुर्वेदी ने बताया कि वह खुद दिनभर में कम से कम दो बार राज्यों के सचिवों से इस बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं। राजस्थान व मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के लिए गठित नेशनल एक्शन प्लान के दिशानिर्देशों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में वायरस के प्रसार को रोकने के बंदोबस्त करने को कहा गया है।
मनुष्य में फैलने की पुष्टि नहीं
केंद्रीय मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बाहरी देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों के माध्यम से यह फैलता है, जो यहां सितंबर-अक्टूबर से लेकर फरवरी-मार्च माह तक आते-जाते हैं। बयान में कहा गया है कि देश में बर्ड फ्लू से प्रभावित मुर्गियों के खाने से मनुष्य में इसके फैलने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीमें की नियुक्त
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बर्ड फ्लू के प्रकोप को देखते हुए सभी प्रभावित राज्यों में मल्टी डिस्प्लीनरी टीमें बनाकर लोगों के स्वास्थ्य पर नजर रखने को कहा है। इसके साथ ही हरियाणा के पंचकूला व केरल के कोट्टायम के लिए टीमें नियुक्त की हैं।
राजस्थान में मुर्गियों की भी जान गई
राजस्थान में बर्ड फ्लू का असर बढ़ गया है । प्रदेश में अब तक करीब 1200 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें 750 कौवे शामिल हैं। अब तक करीब 250 मुर्गियों की भी मौत हुई है। बढ़ते बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए सरकार ने दूसरे राज्यों से लगती सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने के साथ ही जयपुर में जांच लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है ।
तेलंगाना में फ्लू के संकेत नहीं
तेलंगाना के पशुपालन मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने कहा कि राज्य में बर्ड फ्लू का कोई संकेत नहीं मिला है। अलबत्ता, बचाव की दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बिहार, उत्तराखंड, पंजाब व झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है। महाराष्ट्र के ठाणे में कई पक्षियों की मौत के बाद सरकार सतर्क हो गई है।