इलाहाबाद HC में मामला लंबित होने से सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इन्कार
नई दिल्ली। नोएडा भूमि आवंटन घोटाले के आरोपी पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह से जुड़े मामले में सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते के लिए टाल दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया है। गौरतलब है कि यादव सिंह की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर 12 जून को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। यादव सिंह की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सीबीआइ अधिवक्ता से जवाब मांगा है।
जस्टिस आर फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। इसमें जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस बीआर गवई भी शामिल हैं। पीठ ने यादव सिंह से कहा कि आप 12 जून को आपत्ति उठा सकते हैं, जब इस मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।
यादव सिंह पर क्या है आरोप
नोएडा प्राधिकरण में चीफ इंजीनियर के तौर पर तैनाती के दौरान यादव सिंह पर निजी फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये के टेंडर स्वीकृत किए। इन्हें लाभ पहुंचाने के लिए यादव सिंह ने गलत तरीके से टेंडर जारी किए थे। इसमें से कई फर्म उसके परिवार के सदस्यों और दोस्त संजय कुमार के नाम रजिस्टर्ड थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कहा है कि 2004 और 2015 के बीच कथित तौर पर ये संपत्ति अर्जित की गई थी। सीबीआइ के अनुसार सिंह और उसकी पत्नी की आय चीफ इंजीनियर के तौर पर उसके कार्यकाल के दौरान 500 से 1,400 गुना बढ़ गई।
यादव सिंह और उसके परिवार से जुड़ी संपत्ति को ED ने किया था जब्त
उल्लेखनीय रूप से, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआइ द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA)के तहत एक जांच शुरू की थी। इडी ने जुलाई 2019 में यादव सिंह और उसके परिवार से जुड़ी 89 लाख रुपये की संपत्ति को बेनामी संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब्त किया था।