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Budget 2021: मांग में वृद्धि के लिए टैक्स में छूट दिए जाने की जरूरत, जानें इससे किस मोर्चे पर मिलेगा फायदा

नई दिल्ली। 2020 में अर्थव्यवस्था की विकास दर में गिरावट के बाद इकोनॉमी को नई रफ्तार देने के लिए सरकार की ओर से कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद है। टैक्स राहत की आशा करने से पहले वर्तमान आर्थिक स्थिति पर भी विचार करना चाहिए। सरकार के वित्तीय संसाधनों पर बहुत ज्यादा दबाव है। जीडीपी के 8-10 फीसदी तक सिकुड़ने की आशा है। राजकोषीय घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इसके अलावा कोरोना वैक्सिनेशन प्रोग्राम पर भी बड़े पैमाने पर खर्च करने की योजना बनाई गई है। सरकारी खर्च विशेष तौर पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने की जरूरत बढ़ती जा रही है। इसलिए इनकम टैक्स स्लैब या रेट में  बड़े पैमाने पर तर्कसंगत बनाए जाने की आशा करना बेकार है।

बजट 2021 : पर्सनल फाइनेंस का नजरिया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष के बजट को एक ऐसा बजट बताया है, जो इससे पहले इस तरह के माहौल में कभी पेश नहीं किया गया है। इस केंद्रीय बजट में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने पर फोकस किया जा सकता है।

कई आर्थिक विशेषज्ञों ने करदाताओं को  राहत देने के लिए वित्त मंत्रालय को अपनी सिफारिश भेजी है। सूत्रों के अनुसार मौजूदा विपरीत हालात में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार केंद्रीय बजट 2021 में कई राहत उपायों या रियायतों की घोषणा कर सकती है। इससे कोरोना वायरस की महामारी से उपजे प्रभावों से मुकाबला करने में लोगों को मदद मिलेगी।

मौजूदा समय में सरकार के वित्तीय संसाधनों पर बहुत ज्यादा दबाव है। वित्त मंत्री कुछ बचत योजनाएं या टैक्स फ्री बॉन्ड जारी करने की घोषणा कर सकती हैं, जिससे सरकार को खर्च के लिए वित्तीय संसाधन मिलेंगे। आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए इस बजट में निवेश पर आधारित राहत और लचीलापन देखने को मिल सकता है। इन योजनाओं में रिटेल इनवेस्टर्स के निवेश और बॉन्ड जारी करने को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। निवेश के संबंध में पूंजीगत लाभ और निवेश के संबंध में एसटीटी से भी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

निष्कर्ष 

इस समय चर्चा का विषय यह है कि निजी तौर पर इनकम टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत देना सबसे बेहतर रहेगा क्योंकि इससे लोगों में खर्च करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा और बाजार में रुपयों का फ्लो बढ़ेगा। इसके लिए सबसे प्रभावशाली तरीका कम टैक्स देने वाले करदाताओं को राहत देने के लिए तेज़ी से उपाय करना होगा, जिससे इनकम टैक्स में कटौती से कई गुना ज़्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना है।