Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

एचसीक्यू पर वापस लिए गए अध्ययन के सह-लेखक प्रोफेसर अमित पटेल नौकरी से हटाए गए

न्यूयॉर्क। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (एचसीक्यू) के नकारात्मक प्रभाव संबंधी अध्ययन से दो प्रभावशाली जर्नलों के पीछे हटने के बाद भारतीय मूल के प्रोफेसर अमित पटेल को उनके जॉब से हटा दिया गया है। ये दोनों जर्नल हैं- द लैंसेट और द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन। अमित पटेल दोनों ही जर्नलों में प्रकाशित अध्ययनों के सह-लेखकों में शामिल थे।

यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह में नियुक्त थे प्रो. अमित पटेल

अध्ययन पर विवाद उठने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह से अमित पटेल के जुड़ाव को खत्म कर दिया गया। हालांकि यूनिवर्सिटी ने अमित पटेल की सेवाएं खत्म करने को विवाद से जोड़ने से इन्कार किया है। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कहा, ‘जिस पद पर सेवाएं खत्म की गई हैं, वह बायोमेडिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में अवैतनिक सहायक की नियुक्ति थी।’

अमित पटेल ने ट्वीट कर दी जानकारी 

वहीं, अमित पटेल ने ट्वीट कर बताया कि यूनिवर्सिटी के साथ उनका जुड़ाव मौखिक रूप से एक हफ्ते पहले ही खत्म कर दिया गया था, लेकिन औपचारिक तौर पर इसकी सूचना शुक्रवार को दी गई। मालूम हो कि ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित अध्ययन के आधार पर ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने एचसीक्यू पर ट्रायल को रोक दिया था।

अध्ययन का कहना था कि कोविड-19 के इलाज में एचसीक्यू के फायदे बहुत कम हैं और इससे मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है। इस अध्ययन के अन्य सह-लेखकों में मनदीप आर. मेहरा, फ्रैंक रुशिट्जका और सपना देसाई शामिल थे। जबकि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के तीन सह-लेखकों में से तीन अमित पटेल, मनदीप आर. मेहरा और सपना देसाई थे।