मोतिहारी में होली मिलन समारोह सह महामूर्ख सम्मेलन का हुआ आयोजन।
फगुआ के गाने पर लोग हुए झूमने पर मजबूर।
मोतिहारी शहर में हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी आर्षविधा शिक्षण सेवा संस्थान द्बारा होली मिलन समारोह सह महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया गया। आर्षविधा शिक्षण संस्थान के प्रार्चाय सुशील कुमार पांडेय ने अपने उदबोधन मे कहा कि सनातन धर्म में होली की परंपराएं अनुपम है।यह आपसी प्रेम मिलन ,सौहार्द एकता, समानता एवं मनो विकारों से मुक्ति का पर्व है।
हास्य विनोद एवं मनोविकारों से मुक्ति का पर्व है हास्य विनोद के वातावरण में सामान्य व्यवहार में प्रति बंधित शब्दों के प्रयोग से भी बुरा न मानने की परम्परा है।श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि होली बसन्त ऋतु में जहाँ प्रकृति रंगीन नजर आती है, वहीं मनुष्य के हदय एवं उल्लास की रंगीनियां उत्पन्न होती है।यह पर्व समानता एवं भाईचारे का सन्देश देता है।इधर पूरा शिक्षण संस्थान मे होली के गीतों और रंग गुलाल मे डूबे हुए नजर आ रहे थे। होली गीत के लिए मंडली को बुलाया गया था, जो आपने होली के गीत और फगुआ कि भोजपुरी गीत से लोगों को झुमने पर मजबूर कर दिया। समारोह में आगत अतिथियों को विभिन्न उपाधियों से नवाजा गया तथा अबीर ,गुलाल लगाकर एक दुसरे को होली कि शुभकामनाएं दिया।