सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, उच्च शिक्षण संस्थानों में देश विरोधी नारेबाजी पर आत्ममंथन करें शिक्षक
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिक्षकों को खरी खरी सुनाई। सीएम योगी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में युवाओं द्वारा लगाई जा रही देश विरोधी नारेबाजी पर शिक्षकों को आत्ममंथन करना चाहिए। उन शिक्षकों को सोचना चाहिए जिन्होंने इन्हें प्राइमरी स्तर और माध्यमिक स्तर पर शिक्षा देकर विश्वविद्यालय तक पहुंचाया। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सीएसआर कांक्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा की शिक्षक सरकारी नौकर नहीं होता बल्कि वह राष्ट्र का भाग्य विधाता होता है, लेकिन जब वह कहता है कि वह पढ़ाने के अलावा और कोई दूसरे काम नहीं करेगा तो दुख होता है। राष्ट्रीय महत्व के कार्य जनगणना में शिक्षकों को जाना चाहिए इससे उनका लोगों के बीच संवाद बढ़ेगा वह लोगों को जान सकेंगे और शिक्षक के प्रति जो समाज में भ्रांति बनी हुई है वह भी खत्म होगी।
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों को चमकाने के लिए पहली बार सीएसआर कॉन्क्लेव आयोजित किया जा रहा है। बुधवार से राजधानी लखनऊ में शुरू हो रहे इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार- मिशन प्रेरणा एवं सीएसआर कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही बुनियादी शिक्षा में सुधार एवं समग्र विकास तथा ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से संबंधित जानकारियों के प्रचार-प्रसार हेतु एलईडी वैन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित इस कानक्लेव में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा व बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के अलावा नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार, गूगल व माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों के आला अधिकारी और काफी संख्या में शिक्षक भी मौजूद हैं।
मिशन प्रेरणा’ में लर्निंग आउटकम और सपोर्टिव सुपरविजन की व्यवस्था की गई है। इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले शिक्षाग्रहियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार और सीएसआर कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा से अनुराग रखने वाले महानुभाव व शिक्षा जगत के भाइयों-बहनों को मैं बेसिक शिक्षा परिषद को इस कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
सीएसआर कानक्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार ने जो भी बेसिक शिक्षा के लिए किया है उसका निचोड़ इस सेमिनार के माध्यम से सामने आ रहा है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े एक लाख 58 हजार विद्यालयों के बुनियादी विकास की दृष्टि से आपरेशन कायाकल्प योजना को शुरू की गई थी। आपरेशन कायाकल्प योजना के तहत पिछले तीन वर्ष के दौरान सरकार अब तक 92 हजार विद्यालयों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा चुके हैं, जिनका बहुत पहले ध्यान दिया जाना चाहिए था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि सामाजिक विषमता को यदि दूर करना है तो एक समान पाठ्यक्रम होना आवश्यक है। शिक्षा के क्षेत्र में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। समान पाठ्यक्रम लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए ही प्रदेश में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रॉक्सी शिक्षक व्यवस्था खत्म होगी तब शिक्षा व्यवस्था सुधरने लगेगी। जब शिक्षक स्कूल जाने लगेगा और बच्चों को पढ़ाने लगेगा तो बच्चा अपने आप ही तैयार हो जाएगा, लेकिन शिक्षक ही स्कूल नहीं जाएगा तो शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी। एक शिक्षक को सर्वज्ञ होना चाहिए। हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षकों की ऐसी श्रृंखला होनी चाहिए, जिससे वे अपने सामने आने वाली चुनौतियों से भागने की बजाए उनसे जूझने के लिए तैयार हो सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि एक शिक्षक सरकारी नौकर नहीं हो सकता है। वह राष्ट्र का भाग्य विधाता होता है। एक शिक्षक को अपने आगे आचार्य चाणक्य का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने आप को तैयार करना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने भारत को तत्कालीन विश्व की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया। देश को स्वर्णयुग में पहुंचाने वाले आचार्य चाणक्य का भाव एक शिक्षक का आदर्श होना चाहिए। समाज की चुनौतियों और आवश्यकताओं के प्रति अगर हम खड़े नहीं हो सकते तो हम अपने प्रति, अपने पेशे के प्रति, वर्तमान और भावी पीढ़ियों के प्रति भी अन्याय कर रहे होंगे।
सीएम योगी ने कहा कि जो विश्वविद्यालयों में अराजकता और भारत विरोधी नारे लग रहे हैं, इस पाप का भागीदार कौन है।सरकार तो संसाधन दे सकती है, लेकिन जिसने उन्हें बेसिक शिक्षा दी है, जिसने जिसने उन्हें माध्यमिक शिक्षा दी है और जो उन्हें वहां तक ले कर गया है, उन सभी को अपने कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि जब भारत विरोधी नारे देश के संसाधनों पर पलने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लगते हैं, तो हमें इस मूल्यांकन के लिए तैयार होना चाहिए कि हमारे पढ़ाए गए छात्रों में इस प्रकार की विकृति क्यों पैदा हुई।जिस भारत की एकता और अखंडता की शपथ लेकर हम कार्य करते हैं आज उसी के विखंडन के नारे लगाए जा रहे हैं। ऐसी दशा में उन शिक्षकों पर प्रश्न खड़े होने लगते हैं, जिन्हें समाज में ईश्वर के समान माना जाता है।
इससे पहले कानक्लेव संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी में भाजपा की सरकार बनने के शिक्षा प्रथमिकता में आई। सरकार ने विद्यालयों के इंफ्रास्टक्चर और शिक्षकों की कमी को दूर किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह श्रेष्ठ है जो अनवरत एक विद्यार्थी की भावना से कार्य करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शिक्षा शामिल है इसलिए लगातार बड़े परिवर्तन हो रहे हैं।
नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और प्रेरणा मॉड्यूल को बेहतर ढंग से लागू करने की सलाह दी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का आभार बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सतीश चंद्र द्विवेदी ने किया। इस कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी कॉन्क्लेव में 109 कंपनियां प्रतिभाग कर रही हैं और यह बेसिक शिक्षा के स्कूलों की सूरत बदलने के लिए 114 करोड़ रुपये खर्च करेंगी। सीएम ने 350 कस्तूरबा गांधी विद्यालय जिन्हें उच्च कृत कर इंटरमीडिएट कॉलेज बनाया जा रहा है उनके नवीन भवनों का शिलान्यास भी किया।