Logo
ब्रेकिंग
मां छिन्नमस्तीका मंदिर रजरप्पा में आगामी 30 सितंबर को होगा भव्य गंगा आरती l भैंस ने खाई फसल, ग्वाले को बनाया बंध'क नमामि गंगे योजना अंतर्गत स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत श्रमदान एवं नुक्कड़ नाटक का हुआ आयोजन* जारीबाग की महिलाओं ने नारी-शक्ति वंदन अधिनियम के लिए प्रधानमंत्री जी व सांसद जयंत सिन्हा जी को दिया ... Mla मनीष जयसवाल ने कहा सारे चो'र मिलकर ज़ब एक होजाए तो समझें राजा अच्छा काम कर रहा है समाजसेवी निशि पांडे ने आखिर क्यूँ छोड़ा आजसू पार्टी? समाजसेवी निशि पांडे को नेहरू रोड गणपति पूजा समिति द्वारा किया गया सम्मानित Women Reservation Bill: लोकसभा में पेश किया गया नारी शक्ति वंदन अधिनियम AJSU PARTY से समाजसेवी निशि पांडे का इस्तीफा धनबाद बम कांड मुख्य आरोपी गुड़िया देवी रामगढ़ से गिरफ्तार

अमेरिकी सांसदों ने दिल्ली हिंसा पर दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- ‘दुनिया देख रही है’

वाशिंगटन: भारत की राजधानी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को ले कर हुई हिंसा पर अमेरिकी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के साथ ही मीडिया इन घटनाओं की भी खबरें दे रहा है। अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि भारत में धार्मिक असहिष्णुता में वृद्धि भयावह है। जयपाल ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतांत्रिक देशों को विभाजन और भेदभाव बर्दाशत नहीं करना चाहिए या ऐसे कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता हो।” उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया देख रही है।”

गौरतलब है कि CAA को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा में 18 लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सांसद एलन लोवेन्थाल ने भी हिंसा को ‘नैतिक नेतृत्व की दुखद विफलता’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत में मानवाधिकार पर खतरे के बारे में बोलना चाहिए।” राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की दावेदार एवं सांसद एलिजाबेथ वारेन ने कहा, ‘‘भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना अहम है लेकिन हमें मूल्यों पर सच्चाई से बात करनी चाहिए जिनमें धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा स्वीकार्य नहीं है।”

US कांग्रेस सदस्य रशीदा तालिब ने ट्वीट किया ‘‘इस सप्ताह ट्रंप भारत गए लेकिन फिलहाल तो दिल्ली में असली खबर सांप्रदायिक हिंसा होनी चाहिए। इस पर हम चुप नहीं रह सकते।” मीडिया ने भी इन घटनाओं को पूरी तवज्जो दी है। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘ये दंगे विवादित नागरिकता कानून पर महीनों तक चले प्रदर्शनों के बाद चरम पर पहुंचे तनाव को दिखाते हैं। साथ ही यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के समर्थकों और आलोचकों के बीच बढ़ रहे मतभेद को भी दिखाता है।”

वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप जब भारत की राजधानी की यात्रा पर थे उसी दौरान वहां हुए साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 11 लोग मारे गए।” ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग’ ने ट्वीट कर कहा कि नयी दिल्ली में मुसलमानों को निशाना बनाने वाली भयानक भीड़ हिंसा की खबरों से चिंतित है। आयोग ने मोदी सरकार से भीड़ को नियंत्रित करने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपील की।

nanhe kadam hide