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ड्रैगन कस रहा शिकंजा, हांगकांग की चुनाव व्यवस्था बदलने की तैयारी में चीन

बीजिंग। हांगकांग में दमनकारी सुरक्षा कानून लागू करने के सालभर के भीतर ही चीन ने वहां की चुनाव व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। इस दिशा में विधायी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे चीन समर्थकों को फायदा मिलेगा और राजनीतिक विरोध कमजोर होगा।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारी झांग येसुई ने गुरुवार को एलान किया कि चीन सरकार हांगकांग की चुनाव प्रक्रिया को नए सिरे से तैयार करना चाहती है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि इस क्षेत्र में देशभक्त लोग शासन कर सकें। चीन सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार के प्रति ईमानदार लोगों को देशभक्त मानता है।

झांग ने प्रस्ताव की विस्तृत जानकारी नहीं दी है, लेकिन हांगकांग से जुड़ी नीतियों को लेकर चीनी नेतृत्व के सीनियर एडवाइजर लाउ सिउ-कई ने कहा कि नई व्यवस्था में एक सरकारी एजेंसी बनाई जा सकती है, जो चीफ एक्जीक्यूटिव ही नहीं, बल्कि अन्य स्तर पर चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार की जांच करेगी। नई रणनीति से हांगकांग में कम्युनिस्ट पार्टी की पकड़ और मजबूत होगी। चीन सरकार इन नीतियों की मदद से लंबे समय से हाशिए पर चल रहे विपक्ष को पूरी तरह खत्म करने की राह पर बढ़ सकती है।

चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अमेरिका का जो बाइडन प्रशासन चीन के प्रति अपनी नीति में कोई भी नरमी नहीं बरतेगा। वह चीन के पड़ोसी देशों को अपना सहयोग देगा, ताईवान और हांगकांग में मानवाधिकारों के लिए समर्थन करेगा। शिनजियांग और तिब्बत में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज उठाता रहेगा। अमेरिका की अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी मुहर लगा दी है, जिसे बुधवार को जारी किया गया। इस नीति में कहा गया है कि अमेरिका का भविष्य आसपास होने वाली घटनाओं से जुड़ा है, जहां विश्व में राष्ट्रवाद और लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया जा रहा है। चीन और रूस जैसे अधिनायकवादी देशों की प्रतिद्वंद्विता से उसका सामना है। 24 पेज के इस दस्तावेज में कहा गया है कि विश्व में शक्ति संतुलन की स्थिति बदल रही है। विशेषरूप से चीन और अधिक मुखर हो रहा है। पूरे विश्व की व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए अमेरिका ने अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी चीन को ही माना है, जो आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी रूप से सक्षम है।