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नई दिल्ली। पाकिस्तान में सीनेट के चुनाव के बाद इमरान सरकार खतरे में आ गई है। इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी को करारा झटका लगा है। इस झटके से विपक्षी पार्टियों की पो-बारह हो गई है। इसके बाद कुछ दिनों में विपक्ष का इमरान खान सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाना तय माना जा रहा है। इमरान खान भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। उन्हें कहीं न कहीं इस बात का भी डर सता रहा है कि उनकी सरकार गिर सकती है। उन्होंने कहा है कि यदि वो अविश्वास प्रस्ताव में नहीं जीत सके तो विपक्ष में बैठना स्वीकार करेंगे।
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पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर बात करें तो जानकार इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि इमरान खान की सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान फिर इतिहास दोहराने की तरफ जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के इतिहास में शौकत अजीज को छोड़कर कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। नवाज शरीफ 3 बार पीएम बने लेकिन एक बार भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। बेनेजीर भुट्टो दो बार पीएम बनीं लेकिन दोनों ही बार उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो सका। इस बार भी ऐसा ही कुछ होता दिखाई दे रहा है।
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पाकिस्तान की राजनीति पर नजर रखने वाले कमर आगा मानते हैं कि पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। इमरान खान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक हालत बेहद खराब हुई है। खाने पीने की कीमतों में बेतहाशा तेजी देखने को मिली है। इंफ्लेशन रेट में जबरदस्त तेजी आई है। लोगों के काम धंधे ठप हो गए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना ने तो पाकिस्तान की हालत को बद से बदतर कर दिया है। पाकिस्तान के ऊपर विदेशी कर्ज लाखों करोड़ का है। एफएटीएफ की तलवार उसके ऊपर बीते तीन वर्षों से टकी है। इस बार भी उसको एफएटीएफ ने ग्रे-लिस्ट में ही डालकर रखा है। ऐसे में वहां पर विदेशी निवेश काफी कम हो रहा है। पाकिस्तान के जो कभी दोस्त थे जैसे यूएई और सऊदी अरब वो भी विभिन्न मुद्दों पर उससे नाराज हैं, इसलिए उसका साथ नहीं दे रहे हैं।
आगा के मुताबिक इमरान खान हर मोर्चे पर नाकाम रहे हैं। ऐसे में लोगों की अपेक्षाओं पर वो खरे नहीं उतर सके हैं। इतना ही नहीं विपक्षी पार्टियां लगातार उनके नए पाकिस्तान बनाने के नारे को खोखला करार दे रही हैं जो उन्होंने सत्ता हासिल करने से पहले अपनी चुनावी सभाओं में दिया था। विपक्षी पार्टियां लगातार लोगों को बताने में सफल रही हैं कि उनकी सरकार में किस तरह से रोटी उनके मुंह से दूर होती चली गई और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। विपक्षी पार्टियों के पास इमरान खान के खिलाफ कई सारे तथ्य हैं, जिन्हें वो भुनाने में लगी है। इमरान खान की सरकार बनने के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने जिस तरह से लामबंद होकर इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोला है उसके मकसद को पाने में वो काफी हद तक सफल होते दिखाई दे रहे हैं। आगा ने इस दौरान ये भी कहा कि इमरान के जाने के बाद जो सरकार बनेगी वो भी कितनी चल पाएगी इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। इसकी वजह ये भी है कि वहां की सत्ता को वहां की सेना ही तय करती है।
आपको बता दें कि सीनेट के चुनाव में इमरान सरकार के वित्त मंत्री हाफिज शेख की भी करारी हार हुई है। इस्लामाबाद की इस सीट से पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी ने जीत हासिल की है। पीटीआई को इस चुनाव में 18 सीट हासिल हुई हैं जबकि पीपीपी को आठ और पीएमएल-एन को पांच सीटें मिली हैं। शेख की हार के बाद विपक्ष ने इमरान खान को पीएम का पद छोड़ने को कहा है।