US में पुलिस नौ वर्ष की अश्वेत बच्ची को लगाई हथकड़ी, आंखों में डाला काली मिर्च का स्प्रे, बेनकाब हुई पुलिस
वाशिंगटन। अमेरिका में एक बार फिर अश्वेत के खिलाफ पुलिस का बर्बर रवैया सामने आया है। अश्वेतों के खिलाफ अमेरिकी पुलिस का रवैया कितना बुरा है, इसकी बानगी एक बार फिर सामने आई है। नौ वर्ष की अश्वेत बच्ची को हथकड़ी लगाकर पुलिस गाड़ी में बैठाने और फिर उसकी आंखों में काली मिर्च का पाउडर डालने की घटना ने लोगों को झकझोर कर रखा दिया है। इस घटना ने पुलिस हिरासत में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत की याद ताजा कर दी है।
दरअसल, न्यूयॉर्क के रोचेस्टर में एक घरेलू विवाद के चलते जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसने एक नौ वर्ष की बच्ची को पकड़ लिया। हथकड़ी लगाकर पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया और थाने ले जाने लगी। इस बीच बच्ची अपने पिता को यादकर रोने लगती है। इस पर पुलिसवाले उसे चेतावनी देते हुए कहते हैं कि यह तुम्हारे लिए आखिरी मौका है। अन्यथा तुम्हारी आंखों में काली मिर्च का स्प्रे डाल दिया जाएगा। लगभग 90 सेकेंड बाद पुलिस बच्ची की आंखों में काली मिर्च का स्प्रे डाल देती है। जिससे वह चीखने लगती है।
इस घटना से एक बार फिर स्पष्ट हो गया कि पुलिस का अश्वेतों के प्रति रवैया पक्षपाती है। अश्वेतों के प्रति पुलिस के रवैये पर शोध करने वाले लोगों का मानना है कि अश्वेतों बच्चों की छोटी सी गलती को भी खतरे के तौर पर देखा जाता है। कभी-कभी पुलिस का रवैया इतना हिंसात्मक हो जाता है कि अश्वेतों बच्चों की जान भी चली जाती है। ताजा उदाहरण तमीर राइस का है, जिसकी वर्ष 2014 में क्लीवलैंड में श्वेत पुलिस अधिकारी ने गोली मार हत्या कर दी थी।
बता दें कि जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका सहित पूरे विश्व में नस्लवादी हिंसा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए थे। इतना ही नहीं हाल में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस बाबत काफी निंदा भी की थी। श्वेत और अश्वेत अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का एजेंडा भी बना था। बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान नस्लीय हिंसा को रोकने का आश्वासन भी दिया था। बाइडन चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित हुए। शपथ ग्रहण अभी अभी चार सप्ताह भी नहीं बीता कि अमेरिका एक बार फिर नस्लीय हिंसा की चपेट में है।