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वुहान। कोरोना वायरस फैलने के मूल स्थान की जांच करने में लगी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। टीम फिलहाल चीन के सहयोग से संतुष्ट है। इसके साथ ही टीम के एक सदस्य ने कहा है कि गहनता से जांच करने के लिए चमगादड़ों के स्थानों पर भी जांच करना जरूरी है। वायरस के लैब में बनने के अभी कोई सबूत नहीं हैं। टीम के एक सदस्य और जंतु विज्ञानी पीटर दस्जक ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के उपनिदेशक शी झेंगली से कोविड- 19 के साथ ही 2003 में फैले सार्स के मूल स्थान के बारे में भी जानकारी ली गई है।
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इस संस्थान के अन्य वैज्ञानिकों के साथ भी बैठक की गई है। चीन जांच में पूरा सहयोग कर रहा है। दस्जक ने कहा है कि वायरस के उत्पत्ति की जांच के लिए यह आवश्यक है कि चमगादड़ के स्थानों पर वायरस के तत्वों की भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि अभी यह पता नहीं चला है कि वायरस कहां से पैदा हुआ, लेकिन ऐसा कोई सबूत अब तक नहीं मिला है कि जिससे यह पता चले कि इसे लैब में तैयार किया गया है।
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इससे पहले दस्जक ने होटल के बाहर पत्रकारों के जमावड़े की फोटो ट्विटर पर साझा करते हुए कहा था कि पूरा विश्व इस खबर का इंतजार कर रहा है। हम भी किसी परिणाम पर पहुंचने के लिए प्रयास कर रहे हैं। ज्ञात हो कि कोरोना का पहला मामला चीन के शहर वुहान में 2019 के अंत में सामने आया था। डब्ल्यूएचओ की टीम कोरोना की उत्पत्ति के मामले की जांच के लिए ही वुहान में है। यहां पर उसने हॉस्पीटल, रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ एनीमल मार्केट में भी जाकर जांच की है। इस जांच टीम में दस देशों के विशेषज्ञ हैं।