इस्लामाबाद। कोरोना वायरस के खिलाफ भारत समेत कई देशों में टीकाकरण अभियान तेज गति से चल रहा है। इस बीच पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ने चीन के बाद अब रूस की कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। फिलहाल पाकिस्तान इस उम्मीद में बैठा है कि उसे कहीं से मुफ्त वैक्सीन का तोह्फा मिल जाए। दूसरी तरफ मित्र देशों में कोरोना वैक्सीन की फ्री डोज भेज रहा है।
भारत ने भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, मारीशस और सेशेल्स को उपहार स्वरूप वैक्सीन की खेप भेजी हैं। इसके साथ ही कुछ देशों सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को जैसे देशों से वैक्सीन के व्यापारिक समझौते भी हुए हैं। अभी श्रीलंका और अफगानिस्तान को भी वैक्सीन भेजी जानी है।
द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक रेगुलेटरी अथॉरिटी ने शुक्रवार को बैठक में रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी को आपातकालीन उपयोग का अधिकार दिया है। स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन है जिसे पाकिस्तान में मंजूरी दी गई है। इससे पहले पाकिस्तान चीन की सिनोफार्म के साथ ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मजूरी दी है।
डॉन अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि सरकार ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के आयात और वितरण के लिए एक स्थानीय दवा कंपनी को तवज्जो दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान में कोरोना वायरस की वजह से पिछले 24 घंटों में 48 लोगों की मौत हुई है, जिसको मिलाकर मरने वालों का कुल आंकड़ा बढ़कर 11,295 हो गया है और 2,070 मरीजों की हालत गंभीर है।
वहीं, भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। भारत में ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ टीके को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की खुराक सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को और इसके बाद दो करोड़ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को दी जा रही है।